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लखनऊ में बोले अमित शाह - नागरिकता कानून किसी कीमत पर वापस नहीं होगा

लखनऊ : गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस कानून को लेकर देश को गुमराह किया जा रहा है। आज विपक्ष नागरिकता कानून का विरोध कर रहा है। यह सिर्फ एक दुष्प्रचार है। इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। 

अमित शाह ने कहा कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार करके भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है। यह देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है।

नरेन्द्र मोदी सीएए लेकर आए हैं। कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती, केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है तो उसे साबित करके दिखाओ।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है।

'धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है।

अमित शाह ने कहा कि जब देश आजाद हुआ, कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए। 16 जुलाई 1947 को कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव पारित कर धर्म के आधार पर विभाजन स्वीकार किया।

नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है। मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे पर सीएए वापस नहीं होने वाला है। 

शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं से कहना चाहता हूं कि आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे।

'पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही'

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए।

INA NEWS DESK

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