देहरादून - अपनी मांगों को लेकर ट्रक ऑपरेटर्स
शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। टेंपो, ऑटो, स्कूल
वैन, सिटी बस भी इनके समर्थन में एक दिन की हड़ताल पर हैं। लेकिन सुबह
हड़ताल का असर हल्का दिखाई दिया। कहीं टेंपो, ऑटो, स्कूल
वैन, सिटी बस खड़ी दिखीं तो कहीं यात्रियों को भरती दिखाई दीं।
10 बजे बाद हड़ताल का असर देखने को मिला।
देहरादून की व्यस्त रहने वाली सड़कें खाली दिखाई दीं। राजधानी देहरादून के साथ ही
पूरे राज्य में हड़ताल का असर दिखाई दिया।
पूरे देश में टोल बैरियर हटाने के साथ ही रोड
सेफ्टी बिल में संशोधन, डीजल की कीमतों को कम करने, डायरेक्ट
पोर्ट डिलीवरी योजना समाप्त करने के साथ ही ट्रांसपोर्ट कारोबार पर टीडीएस समाप्त
करने जैसी मांगों को लेकर ट्रक आपरेटर्स शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर उत्तराखंड में टेंपो, आटो, स्कूल
वैन, सिटी बसों के संचालक भी शुक्रवार को एक दिन के लिए हड़ताल पर रहेंगे।
तमाम ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों ने दून
समेत अलग-अलग जिलों में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई। उत्तराखंड परिवहन महासंघ
के प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह मान से बताया कि हड़ताल से राज्य में दो लाख ट्रकों
का संचालन बंद हो जाएगा।
शुक्रवार को करीब तीन लाख अन्य वाहन भी नहीं चलेंगे। उनका
कहना है कि तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम निर्धारण में पारदर्शिता, जीएसटी
में छूट, ट्रांसपोर्ट कारोबार पर टीडीएस समाप्त करने, ई वे बिल से
जुड़ी व्यावसायिक समस्याओं को देखते हुए नियमों में संशोधन करने, बसों
और पर्यटक वाहनों को नेशनल परमिट देने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
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