रामपुरम निवासी जटाधर दीक्षित के घर से 28 जून की रात को करीब 35 हजार की नकदी और जेवर चोरी हो गए थे। वह परिवार के साथ चित्रकूट गए थे। पड़ोसी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में सफेद कार नजर आई थी। उसमें सवार तीन युवक 17 मिनट में आते और जाते दिखाई दी। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच की। करीब 150 के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। कार सवार दक्षिण क्षेत्र में दिखाई दी फिर कार का कहीं पता नहीं चला।
पुलिसकर्मियों ने कार के नंबर को ट्रेस किया, जिससे असली मालिक की जानकारी हुई। उनसे पूछताछ करने पर हनुमंत विहार के शिवम के बारे में पता चला। शिवम ने कार करीब दो लाख 60 हजार रुपये में खरीदी थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से सभी को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम को 25 हजार रुपये के इनाम देने की घोषणा की गई।
सबसे पहले पकड़ा गया मास्टरमाइंड
डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड बर्रा के कर्रही रोड निवासी हिमांशु गौतम है। वह पूर्व में चोरी के मामले में जेल जा चुका है। उसने कर्रही के रोहन सचान व हनुमंत विहार के शिवम राजपूत और कैंट क्षेत्र के हरिओम के साथ मिलकर चोरी की। कार हरिओम चला रहा था। गिरोह में फर्रुखाबाद के मैरापुर क्षेत्र का रोहित दुबे, उन्नाव के गंगाघाट निवासी संजय सोनी और शिवाला बाजार के निमिष गुप्ता शामिल हैं। रोहित गोल्ड लोन कंपनी की माल रोड ब्रांच में मैनेजर है, जबकि संजय सोनी और निमिष सराफा कारोबारी हैं। चकेरी के एसीपी अभिषेक पांडेय ने बताया कि आरोपियों ने गहनों को दोनों सराफा करोबारियों को दे दिया था। उन्होंने जेवरात को गलाकर सोने का बिस्कुट बना दिया था। रोहित दुबे ने हरिओम से कुछ सोना लेकर करीब चार लाख का गोल्ड लोन दिला दिया, जबकि बाकी आरोपियों को लोन दिलाने की तैयारी में था। इससे पहले पुलिस ने सभी को दबोच लिया। शिवम को गुजैनी पुलिस ने चोरी के दूसरे मामले में गिरफ्तार किया है।
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