रायबरेली : सामाजिक असमानताओं और बढ़ते लिंगभेद के मुद्दों को संबोधित करते हुए, प्रियंका आर मिश्रा ने नवरात्रि के शुभ अवसर पर "MAA...मेरा अपना आंगन" नामक एक संस्था की स्थापना की है। इस संगठन का उद्देश्य उन पुरुषों की सहायता करना है जो अपनी पत्नी या ससुराल पक्ष द्वारा प्रताड़ित किए जाते हैं, झूठे मुकदमों में फंसाए जाते हैं, धमकाए जाते हैं, या मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार होते हैं। प्रियंका वर्षों से पत्रकारिता के माध्यम विभिन्न सामाजिक मुद्दों को उठाती रहीं हैं।
रायबरेली में एक प्रेस वार्ता में प्रियंका ने कहा कि हाल ही में मेरठ सहित देश के कई शहरों में घटी घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। कुछ महिलाएँ अपने पतियों को प्रताड़ित ही नहीं करतीं, बल्कि हत्या तक करने से पीछे नहीं हटतीं। ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि कानूनी प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल होती है कि पीड़ित पुरुष न्याय की उम्मीद ही छोड़ देते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी की जान से बढ़कर कोई कानूनी प्रक्रिया हो सकती है?
प्रियंका ने आगे कहा कि आज यदि कोई महिला पुलिस को फोन कर दे, तो ज़्यादातर मामलों में बिना जांच के ही पुरुष के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो जाती है। यह एकतरफा रवैया बदलना जरूरी है। उन्होंने मेरठ की दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे एक महिला ने अपने पति की हत्या कर उसे टुकड़ों में काटकर ड्रम में भर दिया और फिर बेफिक्री से घूमती रही। सवाल यह है कि ऐसी निर्ममता की हिम्मत उसे कहाँ से मिली?
प्रियंका ने कहा कि पुरुषों के खिलाफ भेदभावपूर्ण व्यवहार और सामाजिक दबावों को समय रहते पहचानना और सुधारना बेहद आवश्यक है। "मेरा अपना आंगन" संस्था का मकसद ऐसे पीड़ित पुरुषों को कानूनी, मानसिक और सामाजिक सहयोग प्रदान करना है, ताकि वे न्याय के लिए आवाज उठा सकें और आत्महत्या जैसे कदम उठाने के बजाय समाधान की राह पर बढ़ सकें।
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