छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के करीमुल्लापुर गांव में वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) के पद पर तैनात अजय पाल राजपूत (50) पत्नी मोनी देवी, दो बेटों व 17 वर्षीय बेटी के साथ रहते थे। परिजनों ने पुलिस को बताया कि सोमवार रात बेटी ने सभी को खाने में पूड़ी सब्जी बनाकर खिलाई। थोड़ी देर बाद सभी को उल्टियां होने लगीं। उसके बाद सभी सोने चले गए। उन्होंने खाने में नशीला गोलियां मिलाए जाने की आशंका जताई।
मृतक के बड़े बेटे सिद्धार्थ ने पुलिस को बताया कि रात करीब 11:30 बजे बहन ने अचानक उस पर भी हथौड़ी से हमला करने की कोशिश की। लेकिन उसकी आंख खुल गई तो बहन के हाथ से हथौड़ी छीन कर फेंक दी। इस बीच किशोरी ने उसके हाथ पर काट लिया। चीख-पुकार सुनकर मां मोनी देवी भी पहुंच गईं। वह दूसरे कमरे में सो रहे पति को बुलाने पहुंचीं तो वे खून से लथपथ बिस्तर पर पड़े थे। वीडीओ को सौ शैय्या अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घर से हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार व हथौड़ी बरामद कर किशोरी व उसके प्रेमी को हिरासत में ले लिया। एसपी अमित कुमार आनंद ने कोतवाली पहुंचकर प्रेमी युगल से पूछताछ की। एसपी ने बताया कि परिजनों ने अभी हत्याकांड की तहरीर नहीं दी है।
किशोरी बोली, सभी के बेहोश होने के बाद पिता की गर्दन रेतकर भांप रही थी बेहोशी का असर
छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के करीमुल्लापुर गांव में वीडीओ पिता अजय पाल राजपूत की हत्या के मामले में हिरासत में ली गई उनकी हत्यारोपी 17 वर्षीय बेटी ने पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। किशोरी के अनुसार परिजनों को उसके प्रेम संबंधों की भनक थी। इसे लेकर बड़ा भाई उस पर पाबंदियां लगाता था। इसी के चलते वह सभी को बेहोश करके भाई की ही हत्या करना चाहती थी। बेहोशी की दवा का असर चेक करने के लिए पिता की गर्दन धारदार हथियार से रेतकर टेस्टिंग की
न होती उल्टी तो सिद्धार्थ की भी होती हत्या
किशोरी की इस दुस्साहसिक वारदात को सुनकर हर कोई सन्न रह गया। किशोरी ने पूरे परिवार को रात में खाना बनाकर खिलाया था, जिसमें बेहोशी की दवा मिलाई थी। खाना खाने के बाद सभी का जी मिचलाने लगा और सभी को उल्टियां हुईं। उल्टी होने से ही उन्हें खिलाई गई दवा का असर कम हो गया। यही वजह रही कि जब किशोरी ने सिद्धार्थ पर हथौड़ी से हमला किया तो उसकी आंख खुल गई। इसके बाद भी किशोरी ने सिद्धार्थ को नाखून से नोचना और दांतों से काटना बंद नहीं किया।
किशोरी की इस दुस्साहसिक वारदात को सुनकर हर कोई सन्न रह गया। किशोरी ने पूरे परिवार को रात में खाना बनाकर खिलाया था, जिसमें बेहोशी की दवा मिलाई थी। खाना खाने के बाद सभी का जी मिचलाने लगा और सभी को उल्टियां हुईं। उल्टी होने से ही उन्हें खिलाई गई दवा का असर कम हो गया। यही वजह रही कि जब किशोरी ने सिद्धार्थ पर हथौड़ी से हमला किया तो उसकी आंख खुल गई। इसके बाद भी किशोरी ने सिद्धार्थ को नाखून से नोचना और दांतों से काटना बंद नहीं किया।
पापा की परी बनी उनकी ही कातिल
मृतक वीडीओ अजय पाल राजपूत के दो बेटे और एक बेटी हैं। इकलौती बेटी होने के कारण दंपती की वह लाडली थी। बेटों से ज्यादा दोनों बेटी पर प्यार लुटाते थे। उसकी हर ख्वाहिश को प्राथमिकता से पूरा करते थे। ग्राम विकास अधिकारी को क्या पता था कि जिस बेटी पर वे जान छिड़कते हैं, वहीं एक दिन उनकी मौत की वजह बन जाएगी।
मृतक वीडीओ अजय पाल राजपूत के दो बेटे और एक बेटी हैं। इकलौती बेटी होने के कारण दंपती की वह लाडली थी। बेटों से ज्यादा दोनों बेटी पर प्यार लुटाते थे। उसकी हर ख्वाहिश को प्राथमिकता से पूरा करते थे। ग्राम विकास अधिकारी को क्या पता था कि जिस बेटी पर वे जान छिड़कते हैं, वहीं एक दिन उनकी मौत की वजह बन जाएगी।
चेहरों पर नहीं दिखी शिकन
हत्याकांड के बाद पुलिस हिरासत में मौजूद प्रेमी युगल के चेहरों पर किसी भी प्रकार का तनाव या पछतावा नजर नहीं आ रहा था। दोनों पुलिस कर्मियों के सामने ऐसे पेश आ रहे थे जैसे उन्होंने कुछ नहीं किया है। पुलिस अभिरक्षा में प्रेमी ने कई घंटे चैन की नींद ली और जब सोकर उठा। कुछ देर बाद आराम से बैठकर केले खाए। वहीं प्रेमिका के भी चेहरे पर ऐसे हावभाव थे, जैसे उसे अपने पिता की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है।
हत्याकांड के बाद पुलिस हिरासत में मौजूद प्रेमी युगल के चेहरों पर किसी भी प्रकार का तनाव या पछतावा नजर नहीं आ रहा था। दोनों पुलिस कर्मियों के सामने ऐसे पेश आ रहे थे जैसे उन्होंने कुछ नहीं किया है। पुलिस अभिरक्षा में प्रेमी ने कई घंटे चैन की नींद ली और जब सोकर उठा। कुछ देर बाद आराम से बैठकर केले खाए। वहीं प्रेमिका के भी चेहरे पर ऐसे हावभाव थे, जैसे उसे अपने पिता की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है।
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