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क्या आप भी विश्वास करते हैं सेक्स से जुड़ी इन बातों पर ?

आज भी सेक्स के बारे में अधिकतर लोग खुलकर बात नहीं कर पाते। अब भी ऐसा कहीं-कहीं सुनने को मिल जाता है कि, सेक्स के बारे में बात कमरे के अंदर करनी चाहिए। बिलकुल सेक्स एक प्राइवेसी वाली चीज है और काफी प्राइवेट है, लेकिन इसके बारे में हमें बात करने से नहीं भागना चाहिए। क्योंकि, सूचनाओं के विस्फोट युग में हम कई सूचनाओं और जानकारियों को ग्रहण कर रहे हैं, जो सही कम और भ्रामक ज्यादा होती हैं। 

इन्हीं सूचनाओं की वजह से कपल्स सेक्स को एंजॉय नहीं कर पाते या कई बार गलत कर बैठते हैं, जिससे कई यौन बीमारियां भी हो जाती हैं। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ सेक्स मिथ के बारे में जानते हैं, जो लोगों के लिए सच हैं।

सेक्स मिथ क्या हैं? (Sex Myth)

सेक्स मिथ उन जानकारियों को कहते हैं, जो बहुत बड़े वर्ग में फैली हुई हैं, लेकिन गलत हैं। ऐसी भ्रामक जानकारियां स्वास्थ्य और सेक्स प्लेजर के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसे ही कुछ सेक्स मिथ इस प्रकार हैं।

सेक्स मिथ : पॉर्न में दिखाई गई हर चीज सही है (Sex Myth About Porn)

लोगों में सेक्स से जुड़ा सबसे बड़ा भ्रम है कि पॉर्न फिल्म में दिखाई गई कर चीज सही होती है, जो पूरी तरह गलत है। सबसे पहली बात पॉर्न मूवी एक सिनेमा है, जिसे बनाने में कई चीजें और फैक्टर भूमिका निभाते हैं। दूसरा पॉर्न मूवी का उद्देश्य पैसा कमाना होता है, जिसके लिए वह लोगों को दिलचस्प और अलग बनाते हैं। लेकिन, पॉर्न मूवी में दिखाई जाने वाली हर चीज सही और सभी पर लागू नहीं होती। जैसे- जरूरी नहीं कि हर महिला या पुरुष एनल सेक्स करने में सहजता महसूस करें या जरूरी नहीं कि सेक्शुअल इंटरकोर्स रियल लाइफ में भी उतना आनंददायक या उतनी देर चले जैसा फिल्म में दिखाया गया हो। अक्सर पॉर्न फिल्म में दिखाई गई ज्यादातर चीजें प्लाटेड रहती हैं, चाहे वो एक्साइटमेंट की आवाजें हों, दवाओं से कंट्रोल किया गया इरेक्शन हो या फिर महिला का ऑर्गैज्म।

सेक्स मिथ (Sex Myth) : महिलाओं को सेक्स में दर्द होता ही है

यह सच नहीं है कि सेक्स में हर बार दर्द होता ही है। दरअसल, सेक्स करने से आपकी बॉडी रिलैक्स होती है और उसे आराम मिलता है। हालांकि, पहली बार इंटरकोर्स करने पर वजायना की मसल्स खुलने की वजह से उसमें कुछ दर्द हो सकता है, लेकिन ज्यादा दर्द होना एक समस्या हो सकती है। अगर, महिलाओं को सेक्स करने पर हर बार दर्द होता है, तो यह कुछ शारीरिक दिक्कतों के कारण हो सकता है। जैसे- वजायना का नेचुरल ल्यूब्रीकेशन न करना, वजायना में मसल्स या टिश्यू इंजुरी होना आदि। इसके अलावा, हो सकता है कि सेक्स करने की प्रक्रिया में कुछ गलती हो सकती है।

सेक्स मिथ : पेनिस के साइज से फर्क पड़ता है (Sex Myth About Penis Size)

कुछ लोगों को लगता है कि पुरुषों के पेनिस का साइज उनकी परफॉर्मेंस पर फर्क डालता है। यह बिलकुल गलत और भ्रामक जानकारी है। दरअसल, पेनिस किसी भी साइज का हो सकता है। बेहतर सेक्स के लिए दोनों पार्टनर का कंफर्टेबल होना और आपसी पसंद के बारे में बातचीत होना ज्यादा जरूरी है।

सेक्स मिथ (Sex Myth) : सभी का सेक्स करने का मन करता है

लोगों को लगता है कि दुनिया में सभी का सेक्स करने का मन होना जरूरी ही है। लेकिन, ऐसा नहीं है क्योंकि महिला हो या पुरुष, हर इंसान की सेक्स डिजायर और प्राथमिकता अलग-अलग हो सकती है। हो सकता है कि किसी व्यक्ति का हर दिन सेक्स करने का मन करे, वहीं हो सकता है कि किसी व्यक्ति का हफ्ते में एक ही दिन सेक्स करने का मन हो। इसके अलावा, हर इंसान की सेक्स के लिए प्राथमिकता अलग हो सकती हैं। जैसे- किसी पुरुष का जरूरी नहीं कि महिला के साथ ही सेक्स करने का मन करे, हो सकता है वो एक पुरुष के साथ ही सेक्स करना चाहता हो और इसी प्रकार महिलाओं के साथ भी हो सकता है।

सेक्स मिथ (Sex Myth) : सेक्स की वजह से वजायना की स्थिति निर्धारित होती है

लोगों को लगता है कि सेक्स करने के बाद वजायना की मसल्स ढीली हो जाती हैं या फिर जो महिला ज्यादा सेक्स करती हैं, तो उनकी वजायना की मसल्स ढीली होंगी। लेकिन ऐसा नहीं है, उत्तेजना की वजह से वजायना की मसल्स कॉन्ट्रैक्ट और एक्सपैंड होती हैं और जब कोई महिला उत्तेजित होती है, तो आसान पेनिट्रेशन के लिए उनकी वजायना की वॉल सॉफ्ट और फ्लैक्सिबल हो जाती हैं। इसके साथ ही, वजायना मसल्स में कसाव या लचीलापन होना अन्य शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है।

सेक्स मिथ : महिलाएं इन स्थितियों में गर्भवती नहीं हो सकती

कई लोगों को लगता है कि महिलाएं पीरियड्स के समय, पहली बार सेक्स करने पर, पुल आउट मेथड इस्तेमाल करने पर, कुछ निर्धारित सेक्स पोजीशन में या फिर सेक्स के बाद साफ-सफाई करने पर गर्भवती नहीं हो सकती। लेकिन, यह सच नहीं है, बल्कि पुरुषों के प्री-कम से लेकर इजैक्युलेशन तक में कई लाख स्पर्म होते हैं, जिसमें से एक भी स्पर्म एग के साथ फर्टिलाइज होकर गर्भधारण करा सकता है। गर्भवती होने से बचने के लिए या अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कंडोम या अन्य प्रभावशाली बर्थ कंट्रोल मेथड का उपयोग करना सही रहता है।

सेक्स मिथ : कॉन्डोम (Condom) की वजह से सेक्स का मजा कम हो जाता है

कई लोगों को लगता है कि सेक्स के दौरान कॉन्डम के पेनिस और वजायना के संपर्क के बीच बैरियर बनने की वजह से सेक्स का मजा कम हो जाता है। लेकिन, आपको बता दें कि आजकल मार्केट में कई आकार और प्रकार के कॉन्डम उपलब्ध हैं। इसलिए, आप अपने लिए उचित कॉन्डम का चुनाव कर सकते हैं और यौन संचारित रोगों से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।

सेक्स मिथ : ऑर्गेज्म मिलने पर ही सेक्स का आनंद लिया जा सकता है

सेक्स एक आनंददायक प्रक्रिया है, जो कि ऑर्गेज्म के साथ और ऑर्गेज्म के बिना भी हो सकती है। आपको बता दें कि, ऑर्गेज्म कई शारीरिक और मानसिक कारणों से प्रभावित हो सकता है। अगर, किसी महिला या पुरुष को ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं हो रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं कि सेक्स की प्रक्रिया में कोई गलती थी, बल्कि इसके लिए आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं और वह आपको बता सकता है कि इसके पीछे जननांगों में कोई दिक्कत या स्ट्रेस, डिप्रेशन, दिल की बीमारी आदि से जुड़ी कोई समस्या तो नहीं है।

सेक्स मिथ : मास्टरबेशन हानिकारक होता है (Masturbation Is Harmful)

लोगों को लगता है कि मास्टरबेशन गलत और हानिकारक होता है। लेकिन, यह जानकारी बिलकुल गलत है, क्योंकि जबतक मास्टरबेशन करने से किसी को आनंद मिल रहा है और कोई समस्या या दर्द नहीं हो रहा है, तो चिंता की कोई बात नहीं है।

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