संसार में विविध गुण, रूप, स्वभाव कर्म एवं रुचि के मनुष्य होते हैं और मानव की प्रकृति के अनुरूप उसके उपासक देवी विभिन्न होते हैं 33 करोड़ देवी देवताओं के अस्तित्व में यही एकमात्र कारण है मनुष्य की भावना ही 33 करोड़ देवी देवताओं की कल्पना में निहित है कोई शक्ति का उपासक है तो कोई किसी की भक्ति में शिव है, कोई कृष्ण को आराध्य मानता है कोई राम की साधना में लीन है एक बात जो सभी में समान रूप से है वह यह जो भी अदृश्य की कल्पना कर उसे अपना आराध्य स्वीकार करता है और निश्चित अवधि के लिए वह अदृश्य है,
डॉ कल्पना शर्मा
सहायक आचार्या
माता सुंदरी महाविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
0 Comments
Welome INA NEWS, Whattsup : 9012206374