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प्रयागराज ;; गंगा-यमुना के जलस्तर में भले ही कमी आने लगी है, लेकिन शहर पर बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है।

उफनाई गंगा-यमुना से हालात और बिगड़ने के आसार, कई इलाकों से शुरू हुआ पलायनउत्तराखंड में हो रही भारी बारिश की वजह से वहां के बांधों एवं पश्चिमी यूपी के बैराज से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच कोटा बैराज से चंबल में छोड़ा गया पांच लाख क्यूसेक पानी जो इटावा के पास यमुना में मिल चुका है
, वह भी यहां दो-तीन दिन में पहुंच सकता है। ऐसे में तय है कि गंगा और यमुना के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होनी तय है।पिछले कुछ दिनों से प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। शनिवार की रात दोनों ही नदियों के जलस्तर में बढ़त जारी थी, लेकिन देर रात पानी स्थिर होने के बाद रविवार सुबह से घटने लगा।  सुबह आठ बजे से रात आठ बजे के बीच फाफामऊ में गंगा का जलस्तर आठ सेमी, छतनाग में नौ सेमी एवं यमुना का नैनी में जलस्तर 15 सेमी कम हुआ।फिलहाल रात आठ बजे तक इन तीनों ही स्थानों पर नदियों का जलस्तर क्रमश: 82.58, 81.84 और 82.30 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि यह अभी फौरी राहत ही मानी जा रही है। क्योंकि पीछे से गंगा और यमुना में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग का भी कहना है कि दोनों ही नदियों  का जलस्तर अभी भले ही कुछ सेंटीमीटर कम हुआ हो लेकिन पीछे से जो पानी छोड़ा जा रहा है उससे नदियां एक बार फिर से उफना सकती हैं।
जोरदार बारिश हुई तो बदतर हो जाएंगे हालात
बांध स्थित लेटे हुए हनुमान जी को स्नान कराने के बाद से ही प्रयागराज के कछारी इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। सभी स्लूज गेट बंद हैं। बताया जा रहा है कि अगर जोरदार बारिश होती है तो यहां से पानी निकालना मुश्किल हो जाएगा। ऐेसे अल्लापुर समेत कई मोहल्लों में जलभराव हो सकता है।
हथिनी कुंड, नरौरा से भी छोड़ा जा रहा है पानी
पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से यमुना और यूपी के नरौरा से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मथुरा के गोकुल बैराज से भी यमुना में पानी छोड़ा गया है। यह सारा पानी प्रयागराज में ही आना है। इस बीच अगर मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश हुई तो केन, बेतवा एवं चंबल का पानी प्रयागराज के लिए मुसीबत बन सकता है।
बाढ़ शिविर में अभी दो ही लोग
कछारी इलाकों में रहने वाले कुछ लोगों ने अपने घर खाली करके रिश्तेदारों या मित्रों के यहां पनाह ले रखी है। अभी जिला प्रशासन के राहत शिविर में जाने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। छोटा बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट स्कूल में अभी दो ही लोग रह रहे हैं। इन दोनों ने यहां शनिवार को ही पनाह ली थी।




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