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शिक्षा पर धर्म का वार क्यों ?? - भास्कर यादव

आप सभी देशवासी जानते है कोरोना महामारी से पूरा देश परेसान हैं। और इस बीच धर्म को लेकर विवाद। सबसे दुःखद स्थिति यह कि हर बात हर मुद्दे पर राजनीतिक घुसपैठ हो जाती है जो आपस में कड़वाहट और नफरत पैदा कर रही है।देश में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां हिन्दू मुस्लिम सभी एक साथ मिलकर रहते हैं एक दूसरे के दुःख सुख में शामिल होते हैं फिर इन युवाओ के बीच नफरत का बीज कौन बो रहा है ?

आप सभी जानते हैं कि शिक्षा मनुष्य के लिये जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है। बिना शिक्षा के मनुष्य जानवर के समान माना जाता है, शिक्षा वो अमृत है जो सूखों में जान डाल देता है।फिर शिक्षा के मंदिर में आपसी मतभेद क्यों ? 

शिक्षा एक समान एक सम्मान के साथ सभी को मिलनी चाहिये। आप सभी जानते है की स्कूल में हिजाब और भगवा अन्य धार्मिक पहनाओ पर बवाल मचा हुआ है,जो घोर निंदनीय है सर्वप्रथम मैं बताना चाहता हूं कि ड्रेस यूनिफॉर्म एक समान होनी चाहिये इसमें बदलाव नही होना चाहिये। एक जैसी ड्रेस एक साथ बैठना एक साथ खाना खाना ये एकता आपसी भाईचारे का प्रतीक हैं सबसे खतरनाक ये की जो युवाओं में धर्म औऱ जाति का जहर घोला जा रहा है ये राष्ट्र के लिये घातक हो सकता हैं। पूर्व में जैसे अंग्रेज आये और नारा दिया फूट डालो राज करो तो वैसी नौबत नही आनी चाहिए, पड़ोसी देश घात लगाए बैठे हैं कि कब मौका मिले और आक्रमण करे। देश मे जाति धर्म को लेकर बहुत तेजी से आपसी तनाव बढ़ रहे है जो बहुत ही दुःखद हैं। 

जब हमारा देश भारत धर्मनिरपेक्ष है अखंड है अटूट है तो फिर इसमे धर्म को लेकर तोड़ने की साजिश क्यों हो रही है ? इस देश को सभी जाति धर्मो के लोगो ने मिलकर शहादत देकर आजाद कराया है। हजारों वर्ष गुलाम रहा है देश जरा सोचिये की हमारी कई पीढियां गुलामी में बीत गयी हैं। अब आप गर्व करिये की आप स्वतंत्र हैं लोकतांत्रिक देश मे हैं। संविधान ने आप सभी देश वासियों अधिकार दिया है कि आप अपनी मेहनत अनुसार सबकुछ हासिल कर सकते हैं। कर्म करिये फल मिलेगा,आज नहीं तो कल मिलेगा। 

पिछले कुछ वर्षो से मैं देख रहा हूं कि लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्षता अखंडता वाले अटूट देश को कुछ बाहरी ताकते धर्म जाति में लड़ाकर तोड़ना चाहते है मैं भारतीय समाज सेवा संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष (भास्कर यादव) होने के नाते आप सभी देश वासियों से अपील करता हु की आप सभी आपसी भाईचारे, प्रेम और सौहार्द से रहें। धर्म जाति से ऊपर उठकर अपना और अपने समाज राष्ट्र की चिंता करे। 
धन्यवाद।

- भास्कर यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष : भारतीय समाज सेवा संघ

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