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ब्रह्मा बाबा का 52 वां स्मृति दिवस धूमधाम से मनाया गया

फिरोजाबाद - 18 जनवरी को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 52वीं पुण्यतिथि पर टिकरापारा सेवाकेन्द्र में दो दिवसीय ज्ञान-योग-तपस्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह दिन संस्था द्वारा विष्व षान्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

केला देवी स्थिति प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी  ईश्वरीय विश्विद्यालय सेंटर पर आज ब्रह्मा बाबा का 52 वां स्मृति दिवस धूमधाम से मनाते हुए भाई बहनों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ब्रह्मा बाबा कोयाद करते हुए करते हुए उनके द्वारा बताए गए आध्यात्म के मूल तत्व और सार को आत्मसात करने का संकल्प लिया ।बाबा के स्मृति  दिवस पर सेंटर पर भब्य टावर ऑफ पीस(शांति स्तंभ) का निर्माण किया गया था,जो ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस को खास तौर पर भब्यता प्रदान कर रहा था। बाबा के चित्र पर पुष्पांजलि और श्रंद्धाजलि अर्पित करने का भाई बहनों का तांता लगा रहा।

सेंटर की मुख्य संचालिका सरिता दीदी ने कहा कि सबके सहयोगी ब्रह्मा बाप सभी रूपों से , सभी रीति से हर बच्चे के स्नेही और सहयोगी बने । सदा एक बाप के स्नेह में समाये रहे । एक सेकण्ड , एक संकल्प भी सहयोग के बिना नहीं गया । ऐसे आप बच्चे भी सबके स्नेही बन सच्चे स्नेह और सहयोगका प्रत्यक्ष प्रमाण दो । सदा फल की इच्छा से मुक्त , इच्छा मात्रम् अविद्या ब्रह्मा बाप ने कोई भी कर्म के फल की इच्छा नहीं रखी । हर वचन और कर्म में सदैव पिता की स्मृति होने कारण फल की इच्छा का संकल्प मात्र भी नहीं रहा । निष्काम वृत्ति से सबकी पालना की । पुरुषार्थ के प्रारब्ध की नॉलेज होते हुए भी उसमें अटैचमेन्ट नहीं रही । ऐसे आप बच्चे भी नाम - मान - शान की इच्छा से परे , इच्छा मात्रम् अविद्या की स्थिति में रह सेवा करो । इसी विधि से सबकी पालना करो तब शमा के ऊपर परवाने फिदा होंगे

 सरिता दीदी ने कहा कि निरन्तर योगीपन के लक्षण जैसे ब्रह्मा बाप का हर संकल्प विश्व कल्याण की सेवा अर्थ रहा , हर बोल में नम्रता , निर्माणता और महानता अनुभव कराई । स्मृति स्वरूप में एक तरफ बेहद का मालिकपन , दूसरी तरफ विश्व के सेवाधारी , एक तरफ अधिकारीपन का नशा , दूसरी तरफ सर्व के प्रति सत्कारी , सर्व आत्माओं के प्रति दाता व वरदाता बनकर रहे , ठुकराने वाली , ग्लानि करने वाली आत्मा को भी कल्याणकारी आत्मा का अनुभव कराया । ऐसे फालो फादर करो । अपने से भी आगे बढ़ाने की शुभ भावना रखते हुए विश्व - कल्याणकारी बनो । 

उन्होंने कहा कि गम्भीरता और रमणीकता का बैलेन्स जैसे ब्रह्मा बाप की सूरत में सदा गम्भीरता के चिन्ह और मुस्कराहट देखी । गम्भीरता अर्थात् अन्तर्मुखता , उसकी निशानी सदा सागर के तले में खोये रहे । अभी - अभी मनन - चितन करने वाला चेहरा और अभी - अभी रमणीक अर्थात् मुस्कराता हुआ चेहरा । तो दोनों ही लक्षण सूरत में देखें , ऐसे आपकी सूरत भी ब्रह्मा बाप की कॉपी स्वरूप हो सूरत और सीरत से ब्रह्मा बाप दिखाई दे । ऐसे ब्रह्मा बाप की फोटो कॉपी बनो ।  

प्रोग्राम में सीए राकेश गोयल, कल्पना राजोरिया,अनुपम शर्मा, मनोज शर्मा, शैलेंद्र गुप्ता शैली,चन्द्र प्रकाश शर्मा, जीके शर्मा, प्रेमपाल यादव ,डॉ धुर्व आचार्य,अलका गुप्ता, प्रीति अग्रवाल ,मीनू अरोरा ,दिनेश उपाध्याय प्रदीप यादव आदि के साथ सेंटर से जुड़ी दीदियां खुशी,सपना,अंजना, रिंकी, नूतन,मधु,अनिता,बंदना आदि मौजूद थीं

INA NEWS DESK 

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