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समाजवादी सरकार का काम जनता के नाम का उद्घोष

नीलम माही : संवाददाता

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज जनता के नाम ‘अगस्त क्रांति की समाजवादी दिशा-बाइस में बाइसिकल‘ पत्र को डिजिटली जारी किया। 


  उन्होंने इसकी पीडीएफ फाइल सर्वप्रथम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं सांसद प्रो0 रामगोपाल यादव तथा फिर श्रीमती जया बच्चन सांसद को भेजी।

     इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल तथा सदस्य विधान परिषद श्री एसआरएस यादव उपस्थित थे।

     ‘बाइस में बाइसिकल‘ पत्र समाजवादी पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों तथा पूर्व विधायकों, जिला एवं महानगर के पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारियों, प्रमुख नेताओं तथा इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधियों को भी भेजा गया है।

     श्री अखिलेश यादव ने आज 9 अगस्त के क्रान्ति दिवस पर विशेष रूप से अपना डिजिटल पत्र जारी किया। 9 अगस्त 1942 को गांधी जी के आव्हान पर अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन की शुरूआत हुई थी। 8 अगस्त 1942 को रात में भारत छोड़ों प्रस्ताव पारित हुआ था। गांधी जी ने इस मौके पर करो या मरो का मंत्र दिया। उन्होंने हर हिन्दुस्तानी से यह भी कहा था कि वह अपने को आजाद समझे। हरेक को अपना नेता बनकर अपना कार्यक्रम बनाकर युद्ध को चलाना होगा।

     श्री अखिलेश यादव ने गांधी जी के उक्त उद्बोधन को समाजवादी पार्टी के हर कार्यकर्ता, नेता, पदाधिकारी के लिए मार्गदर्शन का प्रेरक संदेश बताते हुए कहा है कि सन् 2022 में परिवर्तन के लिए खुद से ही हर समाजवादी कार्यकर्ता को पहल करनी होगी। सन् 2022 में ‘‘समाजवादी सरकार का काम जनता के नाम‘‘ का उद्घोष होगा। श्री यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सन् 2022 के लिए अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं रखने और लोकतंत्र को बचाने के सघन अभियान में सभी की एकजुटता और निष्ठा के साथ अनवरत सक्रियता की अपेक्षा की है।

     श्री अखिलेश यादव के अनुसार जिस तरह समाजवादियों ने अगस्त क्रांति के दौरान अग्रणी भूमिका अदा की थी उसी तरह आज भी उनकी स्वर्णिम परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम सभी एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों तथा लोकतांत्रिक मान्यताओं को बचाने की भूमिका निभाएंगे।

     श्री यादव ने कहा कि महात्मा गांधी, डाॅ0 राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर तथा चौधरी चरण सिंह जैसे नेताओं ने जो सपने देखे थे, वे अधूरे रह गए हैं। 

INA NEWS DESK

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