जम्मू - पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में मारे गए रिसर्च स्कॉलर से हिजबुल कमांडर बने मन्नान वानी को कश्मीर में जारी हिंसा का पीड़ित बताया है। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के उन छात्रों पर से केस वापस लेने की मांग की, जिनपर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
छात्रों के समर्थन में उतरीं महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा- छात्रों पर इतना दबाव बनाना उल्टा पड़ सकता है। केंद्र को मामले में हस्तक्षेप करके मुकदमे वापस करवाने चाहिए और एएमयू प्रशासन को चाहिए कि वह छात्रों के निलंबन को वापस लें। राज्य सरकार को भी स्थिति के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और अलगाव को रोकना चाहिए। अगर छात्रों को अपने पूर्व साथी छात्र जो कश्मीर में निर्मम हत्या का शिकार था, को याद करने के लिए सजा मिलती है तो यह एक अजीब नाटक की तरह होगा।
गत 11 अक्टूबर को मुठभेड़ में मन्नान को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इसी मामले में एएमयू कैंपस में छात्रों ने मन्नान का नमाज-ए-जनाजा आयोजित करने का प्रयास किया। तीन छात्रों पर कैंपस में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोपों के चलते देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस कार्रवाई से नाराज 1200 कश्मीरी छात्रों ने एएमयू प्रशासन को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि अगर मुकदमे वापस नहीं हुए तो सभी छात्र सर सैयद दिवस पर 17 अक्तूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर चले जाएंगे।
प्रॉक्टर के आदेशों का पूरी तरह पालन किया गया है। किसी प्रकार का कोई आयोजन नहीं किया गया है। ज्ञात हो कि सोमवार को ही कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों ने एएमयू छात्रों के समर्थन में मौन यात्रा निकाली। वहीं, सीपीआईएम नेता व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने भी राज्य से बाहर कश्मीरी छात्रों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीरी युवाओं को तंग किया जा रहा है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को कश्मीरी युवाओं को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
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