नारी सम्मान में हुआ कविगोष्ठी पाठ
सासनी - श्री
राम ग्राम सेवा संस्थान के बैनरतले नारी सम्मान में एक कविगोष्ठी का अयोजन नगर की
सामाजिक संस्था के पं. रामनिवास उपाध्याय की अध्यक्षता और वीरेन्द्र जैन नारद के
संचालन में किया गया। जिसमें विभिन्न कवियों ने कविता पाठ किया।
मां
सरस्वती वंदना पाठ के साथ कवि दुर्गा प्रसाद भंवरी ने सुनाया कि गुलाव की कली सूंघ
के चली। घेरदार घांघरौ घुमाय के चली।। तत्पश्चात सुनीता वाष्र्णेय ने सुनाया कि
बचाकर बेटी को पढाएं नारी को सम्मान दिलाएं। महिलाओं के जीवन में भी एक नई रोशनी
लाऐ।। कवि सुनील कुमार संशय ने सुनाया कि कभी न खाली रहे ज्ञान का अपना अक्षय
पात्र। निर्वाध रूप से गुरू से पायें उत्तम शिक्षा छात्रायें और छात्र।। शायर हनीफ
संदली ने सुनाया कि आज व्यवस्थाओं का कैसा फटा जा रहा ढोल। बादे ही वादे हैं केवल
होती टालमटोल।। कवि वीरेन्द्र जैन नारद ने सुनाया
मेरी जिंदगी का इशारा वहीं था।
जहां डूबते को किनरार नहीं था।। कवि अशोक मिश्र ने सुनाया कि छप्पर वालों
को नसीब मुश्किल से रोटी होती है। पत्थर से वही डरते है। जिनकी शीशे की कोठी होती
है।।
इसके अलावा कवि अशोक अग्रवाल,
एमपी
सिंह वीरपाल सिंह, मुरारीलाल मधुर, शैलेष अवस्थी,
सूफी
अकबर अली, बाॅबी, डा. कय्यूम खां, सैफी, ने भी अपनी
कविताओं से निशां मंे चार चांद लगा दिए।
रिपोर्ट - नीरज चक्रपाणी, ब्यूरो हाथरस
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