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अंतिम सफर: मां ने खोया बेटा...पत्नी ने जीवन साथी, छह माह का बेटा अपलक निहारता रहा, कूल कलां में हर आंख नम

लेह में ऑक्सीजन की कमी से बलिदान हुए लांस नायक हरविंदर सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कूल कलां में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। पत्नी ने पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया, जबकि 6 माह का बेटा अपने पिता को अपलक निहारता रहा।
रैली में बड़ी संख्या में क्षेत्र के युवा हरविंदर सिंह अमर रहे के नारों से सीमावर्ती क्षेत्र दिन भर गूंजता रहा। बलिदानी हरविंदर सिंह पर हर किसी को गर्व हो रहा था। बलिदान को अंतिम विदाई के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।सतवारी से सैन्य वाहन में बलिदान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कूल कलां पहुंचते ही हर तरफ चीख पुकार मच गई। आखिरी दर्शन करने पहुंचे लोगों के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। क्षेत्र के प्रत्येक जन को हरविंदर सिंह के खोने के मलाल के साथ उसकी शहादत पर गर्व था।



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