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प्रयागराज-महाकुंभ में दुनिया को आजाद का अस्थि कलश दिखाने का प्रस्ताव, भेजा पत्र

महाकुंभ में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के अस्थि कलश को देश -दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को दिखाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से लखनऊ संग्रहालय में रखे अस्थि कलश को हस्तांतरित कराने के लिए पत्र भेजा गया है। राज्यपाल की संस्तुति के बाद इसे यहां लाए जाने की उम्मीद है।जनवरी-2025 में लगने वाले महाकुंभ के अवसर पर आजाद के बलिदान की भूमि पर उनके अस्थि कलश को लाने की पहल शुरू हो गई है। महाकुंभ तो एक खास मौका है ही, इसके लिए और भी कई तर्क प्रस्तुत किए गए हैं। इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रयागराज में ही आजाद बलिदान हुए थे। यहीं पर शहीद स्थल भी है। 


इलाहाबाद संग्रहालय में देश की पहली इंटरेक्टिव आजाद गैलरी भी बन चुकी है। उनकी कोल्ट पिस्तौल भी यहीं रखी गई है। ऐसे में अगर अस्थि कलश भी आ जाएगा तो उनकी सभी निशानियां एक ही जगह पर्यटकों, जिज्ञासुओं को देखने के लिए मिल जाएंगी। ज्यादा अच्छा रहेगा। इसके लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से भी आग्रह किया गया है।अल्फ्रेड पार्क (अब चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ही आजाद की ब्रिटिश पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। वह अकेले ही सैकड़ों अंग्रेज सैनिकों को घुटनों के बल खड़ा कर दिया था। जब उनके पास एक गोली बची तो वह अंग्रेजों की कैद में जाने के बजाय खुद की कनपटी पर गोली मारकर शहीद हो गए थे। ऐसे में शहादत की इस पावन भूमि पर उनके अस्थि कलश को लाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। म्यूजियम में बनी इंटरेक्टिव गैलरी में आजाद की वह कोल्ट पिस्तौल भी है, जिससे उन्होंने अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे।

देश-दुनिया के पर्यटकों के लिए यह कोल्ट पिस्तौल आकर्षण का केंद्र रही है। ऐसे में महाकुंभ में आने वाले करोड़ों पर्यटक उनके अस्थि कलश का दर्शन कर सकें, इसलिए उसे लखनऊ संग्रहालय से यहां लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

चंद्रशेखर आजाद के अस्थि कलश को प्रयागराज हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। शीर्ष स्तर पर चर्चा के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।

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