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तौकीर रजा के बिगड़े बोल : पीएम मोदी को लेकर अभद्र भाषा का किया प्रयोग

बरेली : बरेली मस्लक के धार्मिक नेता और इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि पूरे देश में दस लाख से अधिक मुस्लिम लड़कियों को लालच देकर, बहकाकर और अगवा करके उनकी हिंदू लड़कों से शादी करा दी गई। इसे घर वापसी का नाम दिया गया। 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि पीएम से सवाल करता हूं कि ऐसा कर हिंदू लड़कों ने क्या हिंदू समाज की लड़कियों का हक नहीं मारा। ऐसा करने वाले और उनकी हिमायत करने वाले न तो हिंदू समाज के हितैषी हैं और न देश के। बल्कि वह देश के गद्दार हैं।

बरेली से 15 मार्च को अपनी प्रस्तावित तिरंगा यात्रा की तैयारी के सिलसिले में मौलाना तौकीर रजा शनिवार को तहसील स्कूल स्थित खानकाहे जामिया अशरफिया स्थित दरगाह पहुंचे थे। वहां चादरपोशी की थी और अपने मुरीदों से मिले। वहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस देश में कानून सबके लिए बराबर है। सरकार जब खालिस्तान की मांग करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करती है तो हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ, सबका विकास का नारा पूरी तरह झूठा है। कुछ कट्टरवादी हिंदू देश में नफरत का बीज बो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी कीमत पर देश को बंटने देना नहीं चाहते हैं। जो लोग हिंदू-मुस्लिमों को बांटना चाहते हैं, उनकी शिनाख्त कर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिमों के साथ इंसाफ नहीं कर रही है। जिन मुस्लिमों का कत्ल हुआ है उनका कत्ल करने वालों के घर पर भी बुलडोजर चलना चाहिए, आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

तौकीर रजा आगे बोले कि देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए वह 15 मार्च को बरेली से तिरंगा लेकर पैदल दिल्ली तक यात्रा करेंगे। 20 मार्च को दिल्ली पहुंच कर राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे। उन्होंने देश से प्रेम करने वाले और संविधान में यकीन रखने वाले लोगों से इस यात्रा में शामिल होने का आह्वान किया।

यात्रा का मकसद राजनीतिक नहीं
मौलाना तौकीर रजा खां ने स्पष्ट किया कि 15 को बरेली से दिल्ली तक के लिए शुरू होने वाली उनकी तिरंगा यात्रा का मकसद बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं है। भारत के संविधान में यकीन रखने वाले, देश की गंगा जमुनी तहजीब को मजबूत करने की सोच वाला कोई भी व्यक्ति इस यात्रा में शामिल हो सकता है। चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का क्यों न हो।

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