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उस रात का मंजर याद कर कांप जाती है रूह,

 सहमे लोग बोले- नदी में लाइटें देख लग रहा था कि आग लगी होलेकिन जब उन्हें पता लगा कि आफत उनके करीब पहुंच चुकी है, तो किसी तरह से उनके परिवार और आसपास के परिवारों ने अपनी जान बचाई।

राजधानी देहरादून के पास मालदेवता क्षेत्र में आई आपदा के बाद जिला प्रशासन की ओर से जूनियर हाईस्कूल मालदेवता में राहत केंद्र बनाया है। जहां सरखेत और आसपास के 12 से अधिक परिवार रह रहे हैं। राहत केंद्र में हालांकि जिला प्रशासन की ओर से भोजन, रहने, स्वास्थ्य की पूरी व्यवस्था की है, लेकिन यहां रहे रहे लोग अभी भी सदमे और दहशत में हैं। राहत केंद्र में रहने वाले परिवारों का कहना है कि 19 अगस्त की वह काली रात को याद कर उनकी रूह कांप जा रही है। अपने मकान, खेत, सामान आदि आपदा की भेंट चढ़ने का दुख तो उन्हें हैं, लेकिन वह इसके लिए भगवान का शुक्रगुजार करना भी नहीं भूल रहे हैं कि उनकी जान बच गई। राहत केंद्र में परिवार के साथ रह रही सरखेत निवासी कांति पंवार बताती हैं कि 19 अगस्त की वह काली रात उनके जेहन से नहीं जा रही है। भले ही वह अभी सुरक्षित हैं, लेकिन वह रात याद करके उनकी रूह कांप जा रही है। बताया कि जब जलजला आया तो परिवार के सभी सदस्य सोए हुए थे।



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