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गृहमंत्री अमित शाह को नोटिस: धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाने का आरोप

DESK : विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विरुद्ध दाखिल परिवाद को सुनवाई के बाद क्षेत्राधिकार से बाहर होने का हवाला देते हुए खारिज करने के विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए श्वेता चौधरी के 18 फरवरी के आदेश के विरुद्ध दाखिल फौजदारी निगरानी को स्वीकार कर लिया।

इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को नोटिस जारी करने का आदेश दिया तथा सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि तय की। मामले के अनुसार यूपी के मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र के भगवानपुरा कस्बा दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी की अदालत में परिवाद दाखिल किया था।

इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह को आरोपी बनाया था। परिवादी ने उल्लेख किया था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दो फरवरी को बदायूं के सहसवान विधानसभा क्षेत्र के कस्बा इस्लाम नगर के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सपा अध्यक्ष के साथ आजम खान, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे माफिया बाहुबली दिखते थे।

जब से प्रदेश में योगी सरकार आई बाहुबली नहीं, बजरंगबली दिखते हैं। आरोप है उनके इस भाषण से धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचा है। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए श्वेता चौधरी ने प्रार्थनापत्र को 18 फरवरी को सुनवाई के बाद मामला क्षेत्राधिकार से बाहर होने के चलते खारिज कर दिया।

इस आदेश के विरुद्ध वादी मुकदमा की ओर से जिला जज की कोर्ट में फौजदारी निगरानी दाखिल किया गया। इसे सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। जहां सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने निगरानी को एडमिट कर लिया तथा विपक्षी संख्या दो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नोटिस जारी किया तथा सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि तय की।

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