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नहीं टूट रही नगर निगम कर्मियों की नींद

प्रयागराज - बारिश का कहर और उस पर अधिकारियों की बेपरवाही ने प्रयागराज के कई क्षेत्रों में अघोषित बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं जिससे प्रभावित लाखों लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है वहीं लोग अपने घरों में कैद होकर रहने के लिए मजबूर हैं | 

बारिश के मौसम में उत्पन्न होने वाली इस लाइलाज समस्या से नगर निगम व जलकल विभाग के अधिकारी अनजान नहीं हैं परंतु दो दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद जल निकासी की समस्या का मुकम्मल इंतजाम कर पाने में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह नाकाम रही है | 

उसी का दुष्परिणाम यह है कि बीते मंगलवार की रात से शुरू हुई बरसात के चलते प्रयागराज के कई क्षेत्र नैनी , झुंसी फाफामऊ, बघाड़ा ,अल्लापुर , कीडगंज , मुट्ठीगंज गऊघाट , मीरापुर , करछना समेत यमुनापार के विकास में निरंतर कार्यरत रहने वाले मुख्य मिर्जापुर मार्ग सहित गली मोहल्लों तथा बाजारों में घुटने तक पानी भरा हुआ है , जिस की निकासी कराने के बजाय नगर निगम तथा जलकल विभाग के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे और सीवर लाइन ओवरफ्लो होने के कारण बारिश का पानी सीवर लाइन के जरिए दर्जनों घर में पहुंच गया | तमाम शिकायतों के बावजूद नगर निगम कर्मी व जनप्रतिनिधि इस समस्या को गंभीरता पूर्वक नहीं लेते हैं जिसके परिणाम स्वरूप स्थानीय निवासी गंदे नाले तथा सीवर पानी के बीच रहने के लिए मजबूर हैं |

हाल ही में पूरे देश में कोरोनावायरस के बाद डेंगू जैसी बीमारी ने अपने हाथ पैर फैलाना आम जनमानस के बीच चालू कर दिया है वहीं स्थानीय लोगों का यही सवाल है कि इस गंदे पानी के बीच डेंगू जैसी बीमारी यदि उत्पन्न हुई और लोगों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ा तो आखिर कौन सा नेता तथा कौन सा सरकारी विभाग जिम्मेदारी लेगा




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