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साबिर साहब के लंगर से पेट भरते आसपास के क्षेत्रवासी

सैयद शीराज़ मेहदी, रुड़की

रुड़की : सूफी संतों की सरजमी पिरान कलियर शरीफ में साबिर साहब की दरगाह  साहब की दरगाह है लॉक डाउन के समय में जहां सभी लोग परेशान हैं तो वहीं साबिर साहब की दरगाह पर एक बड़ी मिसाल देखने को मिल रही है 

साबिर साहब की दरगाह पर इंसान भूखा उठ तो रहा है मगर भूखा सो नहीं रहा है सदियों कि तरह से साबिर साहब की दरगाह पर लंगर आज भी बदस्तूर उसी तरह जारी है जिस तरह 12 महीने साबिर साहब की दरगाह पर लंगर जारी रहता है साबिर साहब की दरगाह पर जो बाहर से आने वाले जायरीन फंसे हुए हैं वह तो अपना पेट लॉक डॉन के समय में दरगाह के लंगर से भरी रहे हैं साथ-ही साथ आसपास के क्षेत्र के वासी जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय बनी हुई है वह लोग भी सुबह को साबिर साहब की दरगाह में लंगर खाते हैं और शाम को भी साबिर साहब की दरगाह का लंगर ले जाते हैं और अपना और अपने बच्चों का पेट भरते हैं । 

दरअसल कुछ लोगों की यह मान्यता है कि साबिर साहब ने 12 साल तक भूखे रहकर सिवाय गूलर के अलावा कुछ नहीं खाया और अपनी इबादत में मशगूल रहे और अल्लाह को राजी करते रहे साबिर साहब के कई किस्से भी भूख को लेकर मशहूर हैं और आज सभी संतो की सरजमी से एक मिसाल यह भी देखने को मिल रही है कि जहां पूरा देश लॉक डॉन के समय में फंसा हुआ है तो वहीं साबिर साहब की दरगाह पर आए हुए जायरीन को साबिर साहब की तरफ से किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है कहा जाता है कि वलियों के दरबार से कभी कोई खाली नहीं जाता इस समय में साबिर साहब के दरबार से यही देखने को मिला है कि भूखे खाली पेट आते हैं और साबिर साहब के दरबार से अपना पेट भर कर जाते हैं  , 

वही रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट  नमामि बंसल ने बताया कि दरगाह पर आज भी इसी तरह से लंगर जारी है जैसे बदस्तूर पहले से चलाता आता रहा है जॉइंट मजिस्ट्रेट रूड़की ने कहा कि 1200 लोगों का लंगर अभी दरगाह प्रशासन की ओर से बनाया जा रहा है साथ ही साथ इसको और ज्यादा बढ़ाया भी जा सकता है वही बाहर से फंसे हुए जायरीनों के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था भी कर रखी है साबिर साहब की दरगाह पर दो टाइम लंगर बांटा जा रहा है सभी लोग लंगर से अपना पेट भर रहे हैं कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सो रहा है , उन्होंने बताया कि साबिर साहब के लंगर से आमजन लोग तो पेट भर रहे है साथ ही साथ  आसपास के क्षेत्र वासी भी साबिर साहब के दरबार से लंगर लेकर जा रहे हैं और अपना पेट भर रहे हैं 

वही हमारी ओर से भी जो वार्ड मेंबर पिरान कलियर शरीफ में है और गरीब बस्तियां हैं उनके घरों में भी साबिर साहब के दरबार का बनाया हुआ लंगर हमारे यहां से डोर टू डोर डिलीवरी भी किया जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति साबिर साहब के दरबार पर आया हुआ या यहां की बस्ती में रहने वाला भूखा ना सो सके।

INA NEWS DESK

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