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साहित्य का इस्तेमाल करके कुछ लोग युवाओं में भ्रम पैदा कर रहे : योगी आदित्यनाथ

उदय सिंह यादव : प्रधान संपादक

लखनऊ - सीएम योगी ने साहित्यकारों से अपील करते हुए कहा, 'साहित्यकारों को समाज की ज्वलंत समस्याओं को एक रचनात्मक दिशा देने के लिए अपनी लेखनी से ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिनमें व्यापक लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का भाव निहित हो।'

  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस पर साहित्यकारों का सम्मान समारोह, सीएम योगी हुए शामिल
  • कुछ लोग साहित्य का इस्तेमाल करके समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं: योगी आदित्यनाथ
  • भाषण के दौरान सीएम योगी ने लेखकों से समाज की ज्वलंत समस्याओं को रचनात्मक दिशा देने की अपील की
  • हिंदी में अपने अभिभाषणों से दुनिया को देश की ताकत का अहसास कराते हैं पीएम मोदी: सीएम योगी


लखनऊ - नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सियासी बवाल और इतिहासकार इरफान हबीब व केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच हालिया विवाद के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लेखकों की खेमेबाजी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है।

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह में योगी ने कहा कि कुछ लोग साहित्य का इस्तेमाल करके समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं।

सीएम योगी के इस बयान को हाल ही में हुए इतिहासकार इरफान हबीब और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से जोड़कर देखा जा रहा है। योगी ने इस मौके पर कहा साहित्य समाज का दर्पण होता है और लेखनी को किसी भी भेदभाव से परे होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने लेखकों से समाज की ज्वलंत समस्याओं को रचनात्मक दिशा देने की अपील की।

पीएम मोदी की जमकर तारीफ

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में सम्मानित होने वाले सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि हिंदी का यश लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिंदी में अपने अभिभाषणों के माध्यम से न केवल दुनिया को अपने देश की ओर आकर्षित करते हैं, अपितु दुनिया को देश की ताकत का अहसास भी कराते हैं।'

'भेदभाव से परे हो लेखनी'

सीएम योगी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि कुछ लोग साहित्य को खेमेबाजी में बांटकर ऐसी स्थिति लाते हैं कि समाज में खासतौर पर युवा पीढ़ी के बीच भ्रम पैदा हो जाता है। उन्होंने साहित्यकारों से अपील करते हुए कहा, 'साहित्यकारों को समाज की ज्वलंत समस्याओं को एक रचनात्मक दिशा देने के लिए अपनी लेखनी से ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिनमें व्यापक लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का भाव निहित हो।' सीएम योगी ने आगे कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है इसलिए लेखनी को बन्धन मुक्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लेखनी को किसी भी भेदभाव से परे होना चाहिए।

इरफान हबीब पर परोक्ष हमला?

बता दें कि कन्नूर में आयोजित इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के दौरान शनिवार को राज्यपाल आरिफ खान को इतिहासकार इरफान हबीब ने कथित तौर पर भाषण देने से रोकने की कोशिश की थी। माना जा रहा है कि साहित्य में खेमेबाजी को लेकर सीएम योगी द्वारा दिया गया बयान परोक्ष रूप से इरफान हबीब जैसे लोगों के लिए संदेश है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विचार रखते समय आरिफ खान के भाषण को इरफान हबीब ने रोकने की कोशिश की थी। आरिफ खान ने आरोप लगाया था कि इरफान ने उनसे मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को कोट करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए गोडसे का जिक्र करने को कहा था।

ये साहित्यकार सम्मानित हुए

हिन्दी संस्थान के विविध सम्मानों से प्रदेश के हिन्दी विद्वान सम्मानित हुए। समारोह में भारत भारती सम्मान से पटना की डॉ़ उषा किरण, लोहिया साहित्य सम्मान से पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल, हिन्दी गौरव सम्मान से वाराणसी के डॉ. बद्रीनाथ कपूर, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से भागलपुर के डॉ. श्रीभगवान सिंह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान से लखनऊ के ओमप्रकाश पांडेय, अवंतीबाई साहित्य सम्मान से दिल्ली की डॉ. कमल कुमार और राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से मणिपुर हिन्दी परिषद को नवाजा गया। समारोह में साहित्य भूषण सम्मान से कई विभूतियों को भी सम्मानित किया गया।

INA NEWS DESK

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