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आदर्श अस्पताल बनने की राह पर बलरामपुर हॉस्पिटल

पवलीन सिद्दीकी, संवाददाता - लखनऊ, 

लखनऊ - बलरामपुर अस्पताल में शीघ्र ही मरीजों को खाली बेड की जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। इससे बेड खाली होने पर अब कोई भी डॉक्टर गंभीर मरीजों को भर्ती से इन्कार नहीं कर पाएगा। विभिन्न रिपोर्ट व दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ऑनलाइन करने के बाद अब अस्पताल ने व्यवस्था को और भी पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया है। अस्पताल के निदेशक की ओर से सभी डॉक्टरों व स्टाफ को मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने व उन्हें इलाज एवं उपलब्ध व्यवस्था से पूर्ण संतुष्ट करने का भी निर्देश है। ताकि यहां आने वाला कोई भी मरीज न तो इलाज से वंचित रहे और न ही व्यवस्था को कोस सके, बल्कि उन्हें गुड फील हो। मरीजों के भर्ती व डिस्चार्ज का सारा डाटा अब वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.बलरामपुर हॉस्पिटल.कॉम पर रोजाना अपडेट किया जाने लगा है। डॉक्टरों को दिखाने के लिए घर बैठे एप्वाइंटमेंट लेने की सुविधा पहले से है।

भर्ती नहीं होने से गंभीर मरीजों को होती है निराशा
राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को जब यह कहकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया जाता है कि बेड खाली नहीं हैं तो उन्हें निराशा होती है। अब मरीज व तीमारदार ऑनलाइन ही बेड की स्थिति जान सकेंगे।
अस्पताल की क्षमता:
कुल बेड संख्या - 776
एसएसबी में : 170 बेड
इमरजेंसी में : 40 बेड व 17 स्ट्रेचर
बाकी सभी आइपीडी में।
डॉक्टरों की संख्या : 73 नियमित, 10 पुन: नियोजित व 19 संविदा पर (कुल 102 डॉक्टर)। प्रमुख सुविधाएं : अत्याधुनिक पैथॉलोजी, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एक्सरे व डायलिसिस, ब्लड बैंक, एनआरसी, आइसीटीसी केंद्र, एनसीडी, टोबैको कंट्रोल यूनिट, मन कक्ष, वृद्ध जन वार्ड।
प्रमुख विभाग : सर्जिकल, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोथोरैसिक सर्जरी, यूरो सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, ईएनटी सर्जरी, ऑप्थैल्मोलॉजी, आर्थोपैडिक सर्जरी, जनरल मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो मेडिसिन, साइकेयाट्रिक, कार्डियोलॉजी,पीडियाट्रिक्स, डर्मेटोलॉजी, रेडियोलॉजी। क्या कहना है निदेशक?
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन का कहना है कि धीरे-धीरे समस्त सुविधाओं को ई-हॉस्पिटल एप व अस्पताल की निजी वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जा चुका है। अब बेड की जानकारी भी मरीज को ऑनलाइन मिल सकेगी। पारदर्शिता से मरीजों में संतुष्टि आएगी साथ ही मुश्किलें भी कम होंगी।

(विज्ञप्ति - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग)

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