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अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सता और विपक्ष में गहमा-गहमी


NEW DELHI - संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। संसद की कार्यवाही से ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सता और विपक्ष में गहमा-गहमी है। विश्वास मत हासिल करने को लेकर मोदी सरकार आश्वस्त है तो विपक्ष सरकार को पटखनी देने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर पहले चर्चा होगी और शाम 6 बजे वोटिंग कराई जाएगी। वहीं आज  पूरे दिन संसद के अंदर से लेकर बाहर तक सियासी सरगर्मियां तेज रहेगी।


गुरुवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सहित कई पार्टियों के सांसद संसद परिसर में किसानों के अधिकारों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का कहना है कि मोदी सरकार के पास बहुमत है। उन्होंने कहा, 'सोनिया जी का गणित कमजोर है। उन्होंने इसी तरह की गणना 1996 में की थी। हम जानते हैं कि तब क्या हुआ था। उनकी गणना एक बार फिर गलत है। मोदी सरकार के पास अंदर और बाहर दोनों तरफ से बहुमत है। एनडीए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगी। एनडीए के सहयोगी हमारा समर्थन करेंगे।'

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन का कहना है कि वह अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, 'डीएमके टीडीपी द्वारा लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। हमने एआईडीएमके से अनुरोध किया है कि वह ससंद में इस प्रस्ताव का समर्थन करे।'

वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत का कहना है कि विपक्ष की आवाज को एक बार सुनना चाहिए। उन्होंने कहा, 'गणतंत्र में विपक्ष की आवाज को पहले सुनना चाहिए चाहे फिर वह एक शख्स की ही क्यों ना हो। यहां तक कि हम (शिवसेना) उनसे जरूरत पड़ने पर बात करेगी। वोटिंग के दौरान जो भी उद्धव ठाकरे कहेंगे हम वहीं करेंगे। देश का माहौल ठीक नहीं है। कश्मीर का माहौल ठीक नहीं है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश की जनता का विश्वास सरकार पर नहीं रहा है। इसपर चर्चा होनी चाहिए।'

माना जा रहा है कि शिवसेना जहां वोटिंग का बहिष्कार कर सकती है। वहीं भाजपा से ज्यादातर नाराज रहने वाले बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट कर सकते हैं। उनका कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में वह पार्टी का साथ देंगे।

रामगढ़ मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने की वजह से जयंत सिन्हा के भाषण के दौरान काफी हंगामा हुआ।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के अध्यक्ष नारा चंद्रबाबू नायडू ने सभी सांसदों और राज्यों को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लगातार सख्त रवैये की वजह से टीडीपी उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप हमारे सांसदों द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करें।

टीडीपी के संसदीय दल के नेता वाईएस चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लिखे गए पत्र को उन्हें सौंपा। इस पत्र में नाडयू ने सभी पार्टियों और सासंदों से टीडीपी के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को समर्थन देने का अनुरोध किया है।

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