NEW DELHI - जी-7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की
तैयारी में हैं।
जर्मनी को रूस का बंधक करार देने के बावजूद ट्रंप जर्मन चांसलर
एंजेला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले ट्रंप ने
जर्मनी पर आरोप लगाया था कि वह सामूहिक सुरक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहा।
इससे नाटो के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए अमेरिका पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है।
नाटो अमेरिका की अगुआई वाला सैन्य गठबंधन है।
मर्केल से आमने-सामने की मुलाकात के बाद ट्रंप
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से एकांत में मिल सकते हैं। बताते हैं कि यह
मुलाकात बंद दरवाजे के भीतर होगी। ट्रंप दो दिन के नाटो सम्मेलन में भाग लेने के
लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचे हैं।
नाटो के महासचिव जेंस स्टॉटेनबर्ग
के साथ नाश्ते के बाद ट्रंप ने जर्मनी पर हमला बोल दिया। कहा, वह
ऊर्जा के लिए रूस पर इस तरह से आश्रित है कि वह उसका बंधक बन गया है। उन्होंने
जर्मनी से अपना रक्षा बजट तत्काल बढ़ाने की मांग की जिससे नाटो पर खर्च के मामले
में अमेरिका को राहत मिल सके।
ट्रंप को अपने सहयोगी यूरोपीय देशों से यह
शिकायत रही है कि वे नाटो के जरिये सुरक्षा के गठबंधन पर पर्याप्त खर्च नहीं करते।
इससे अमेरिका पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। लेकिन इस बार ट्रंप के निशाने पर खासतौर
पर जर्मनी है।
0 Comments
Welome INA NEWS, Whattsup : 9012206374