DESK - इन दिनों मनुष्य को कई बीमारियों ने घेर रखा है। इनमें से एक है खुद को बड़ा मानना, दूसरों को अपने से कम योग्य समझना, अपने पद-प्रतिष्ठा और प्रभाव के अनुरूप सबसे दूरी बनाकर अजीब-सा अहंकारजन्य आरक्षित जीवन जीना। इसी कारण आज व्यावसायिक जीवन में लोग बहुत रिजर्व हो गए हैं।
अगर थोड़ा-बहुत एक-दूसरे से घुलते-मिलते हैं तो उसके पीछे भी व्यावसायिक समीकरण होता है। अब कोई किसी से खुलकर बात नहीं करता। ओपन डायलॉग का मतलब अश्लीलता रह गया है।
अपनापन लिए शब्दों का जबरदस्त अभाव हो गया है। व्यावसायिक जीवन में कोई पर्सनल होना ही नहीं चाहता। हो सकता है ऐसा करने से काम के प्रति एकाग्रता आ जाए, लक्ष्य के प्रति तन्मयता जाग जाए और आप सफल भी हो जाएं। चूंकि हम दूसरों से जुड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, सफल हो चुके हैं, संघर्ष खत्म होता नहीं है, लिहाजा कामयाब से कामयाब लोग भी तनाव में डूब जाते हैं। तनाव खत्म करने का बड़ा रास्ता लोगों से घुलना-मिलना है। यदि आप किसी व्यवस्था में प्रमुख हैं। लोग आपकी बॉस की छवि से या तो भयभीत हैं या दूर हैं तो कम से कम अधीनस्थों के प्रति निजी रुचि जरूर रखें।
यदि आप जान सकें कि उनके जीवन में क्या पीड़ा चल रही है, उनके परिवार में कैसा संकट है, आप भले ही उसे दूर करने का प्रयास न करें, लेकिन उन्हें लगेगा कि आप उनके निजी संकट में सहानुभूतिपूर्ण हैं तो वे बेहतर रिजल्ट देने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्हें आपके प्रेमपूर्ण इंसान होने का आश्वासन मिलेगा। ऐसा तब कर पाएंगे जब सचमुच अपनेपन और करुणा से भरे हुए होंगे। दुनिया में काम किसी का नहीं रुकता, लेकिन काम का तरीका आपको लंबे समय तक सफलता के शीर्ष पर टिकाए रख सकता है।
INA NEWS HELTH DESK
अगर थोड़ा-बहुत एक-दूसरे से घुलते-मिलते हैं तो उसके पीछे भी व्यावसायिक समीकरण होता है। अब कोई किसी से खुलकर बात नहीं करता। ओपन डायलॉग का मतलब अश्लीलता रह गया है।
अपनापन लिए शब्दों का जबरदस्त अभाव हो गया है। व्यावसायिक जीवन में कोई पर्सनल होना ही नहीं चाहता। हो सकता है ऐसा करने से काम के प्रति एकाग्रता आ जाए, लक्ष्य के प्रति तन्मयता जाग जाए और आप सफल भी हो जाएं। चूंकि हम दूसरों से जुड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, सफल हो चुके हैं, संघर्ष खत्म होता नहीं है, लिहाजा कामयाब से कामयाब लोग भी तनाव में डूब जाते हैं। तनाव खत्म करने का बड़ा रास्ता लोगों से घुलना-मिलना है। यदि आप किसी व्यवस्था में प्रमुख हैं। लोग आपकी बॉस की छवि से या तो भयभीत हैं या दूर हैं तो कम से कम अधीनस्थों के प्रति निजी रुचि जरूर रखें।
यदि आप जान सकें कि उनके जीवन में क्या पीड़ा चल रही है, उनके परिवार में कैसा संकट है, आप भले ही उसे दूर करने का प्रयास न करें, लेकिन उन्हें लगेगा कि आप उनके निजी संकट में सहानुभूतिपूर्ण हैं तो वे बेहतर रिजल्ट देने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्हें आपके प्रेमपूर्ण इंसान होने का आश्वासन मिलेगा। ऐसा तब कर पाएंगे जब सचमुच अपनेपन और करुणा से भरे हुए होंगे। दुनिया में काम किसी का नहीं रुकता, लेकिन काम का तरीका आपको लंबे समय तक सफलता के शीर्ष पर टिकाए रख सकता है।
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