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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में जेल में बंद प्रत्यक्षदर्शी का सनसनीखेज राजफाश : स्पेशल स्टोरी

उदय सिंह यादव :स्पेशल स्टोरी 


नई दिल्ली  - मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में नया तथ्य सामने आया है। जेल में मुन्ना बजरंगी के प्रवेश के बाद विक्की सुन्हैड़ा ने उसके स्वागत में पलक-पावड़े बिछा दिए। फिर आधी रात के बाद जेल में जश्न मनाया गया। 

सुबह सुनील राठी और बजरंगी के बीच कहासुनी हो गई। तभी सुनील के पास एक कॉल आई और चंद लम्हों बाद ही सुनील ने मुन्ना बजरंगी की हत्या कर डाली। यह राजफाश जेल में बंद एक बंदी ने किया है। जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने कहा कि फिलहाल जेल प्रशासन के अलावा स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

सुनील अपने बचाव में बजरंगी की हत्या करना बता रहा है लेकिन यह बात पच नहीं रही है। बहुत जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

खास बातें

टिफिन से जेल पहुंची पिस्टल

राठी ने हत्या के बाद नहाया

बाहर से आई एक फोन काल

काल के बाद चलाई गोलियां

मोबाइल फोन नहीं मिला

पूर्व सांसद से राठी की भेंट

एक बाहुबली से मुलाकात

खंगाली जा रही सीडीआर 

बागपत के अब्दुलपुर स्थित जिला कारागार में बंद एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, रविवार रात वह खाना खाकर जेल परिसर में टहल रहा था, करीब सवा नौ बजे जेल का मुख्य द्वार खुला और बाहर खड़ी एक एंबुलेंस को देखकर ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों में हड़बड़ी मच गई। एंबुलेंस को चेकिंग के बाद अंदर प्रवेश दिया गया, जिसमें से डरा-सहमा हुआ मुन्ना बजरंगी नीचे उतरा। कई सुरक्षाकर्मी तीन चरण में तलाशी लेकर बजरंगी को तन्हाई बैरक की ओर ले गए। इसी बीच विक्की सुन्हैड़ा आया और बजरंगी के गले मिलकर उसका स्वागत किया। बजरंगी को अलग बैरक में ले जाया जाने लगा तो बजरंगी की मांग पर विक्की और बजरंगी को एक बैरक में रखा गया। थोड़ी देर बाद बराबर वाली बैरक में बंद सुनील राठी उनकी बैरक में आया और हंसी-ठिठोली होने लगी। रात करीब एक बजे तीनों बैरक के बाहर मैदान में आ गए, जहां उन्होंने शराब पी। करीब ढाई बजे विक्की और बजरंगी एक बैरक में सो गए और सुनील अपनी बैरक में चला गया।

सुनील की बजरंगी से किसी टेंडर पर कहासुनी 

तड़के पांच बजे बैरक खुली तो तीनों बाहर आ गए और चाय का इंतजार कर रहे थे। चाय नहीं आई तो बजरंगी नहाने के लिए चल दिया। इसी बीच सुनील की बजरंगी से किसी टेंडर की बात को लेकर कहासुनी हुई। उस समय विक्की ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। 


इसी बीच सुनील के पास एक कॉल आई और थोड़ी देर बाद सुनील ने पिस्टल से बजरंगी पर हमला बोल दिया। बजरंगी भागा भी, लेकिन गोली लगने से वह गिर गया। सुनील ने एक मैगजीन खाली कर दूसरी मैगजीन डाली और फिर एक के एक बाद एक सभी गोलियां बजरंगी के शरीर में उतार दीं। यह देखकर वहां तैनात एक पुलिसकर्मी भी भाग निकला। अन्य बैरकों से बाहर घूम रहे बंदी व सजायाफ्ता में भी भगदड़ मच गई। वह जहां के तहां छिप गए। इसके बाद सुनील अपनी बैरक में चला गया। करीब पांच मिनट बाद पुलिसकर्मी, बंदी और सजायाफ्ता मौका-ए-वारदात पर पहुंचे तो बजरंगी का शव लहूलुहान पड़ा था। 

सुनील को पुलिसकर्मियों ने घेर लिया और बैरक की तलाशी ली, लेकिन उस समय कुछ नहीं मिला। बाद में सुनील ने इतना जरूर कहा कि वह मुझे मारने आया था, मैंने उसे मार दिया। प्रत्यक्षदर्शी का दावा है कि सुनील पर पहले से पिस्टल थी।
सीडीआर खोलेगी राज

सवाल उठता है कि सुनील के पास किसकी कॉल आई, जो वह बजरंगी से इतना क्षुब्ध हो गया। चर्चा है कि बजरंगी के गुर्गों ने सुनील के भाई अरविंद की पूर्वांचल की जेल में पिटाई कर दी थी, जिससे वह क्षुब्ध था और बजरंगी को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने राठी के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई है, जिसमें साफ हो जाएगा कि इतनी सुबह कॉल करने वाला व्यक्ति कौन था?

हत्या के बाद स्नान

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुबूत मिटाने के लिए सुनील राठी नहाया था ताकि उसके हाथ से गन पाउडर के फोरेंसिक साक्ष्य न जुटाये जा सकें। राठी ने पूरी वारदात को कदम-दर-कदम प्लान किया था। बागपत जेल में कुख्यात राठी का सिक्का चलता था और इसीलिए वह अपनी प्लानिंग में सफल रहा। राठी ने वारदात के बाद अपने कपड़े भी धुलवा दिए थे। घटना के दौरान राठी के साथ उसके तीन और साथी भी मौजूद थे। 

टिफिन से पहुंचाई गई पिस्टल 

जेल के भीतर पिस्टल उसे टिफिन के जरिये पहुंचाई गई थी। बागपत जेल में राठी ने सीसीटीवी कैमरे न होने का फायदा उठाया। राठी के लिए बाहर से टिफिन व अक्सर ही स्पेशल खाना आता था। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आने पर माना जा रहा है कि टिफिन के जरिये पिस्टल जेल के भीतर पहुंचाई गई। टुकड़ों में पिस्टल व मैग्जीन को पहुंचाया गया होगा। सूत्रों के अनुसार मुन्ना बजरंगी की हत्या से दो-तीन दिन पहले ही पिस्टल व कारतूस उस तक पहुंचाई गई थीं। जेल में राठी से मिलने आने वाले उसके खास लोगों की जेल रजिस्टर में एंट्री तक नहीं होती थी। 

खास बिंदुओं पर जांच तेज 

कहने को भले ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा सुनील राठी तन्हाई बैरक में बंद है पर उसका कंट्रोल जेल के हर हिस्से में उतना ही था जितना अपनी बैरक में था। चर्चा तो यह भी है कि बीते एक माह के भीतर पूर्वांचल के एक बाहुबली और पूर्व सांसद भी बागपत जेल में राठी से मिलने पहुंचे थे। जेल व पुलिस अधिकारियों की छानबीन में ऐसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनके बाद कुछ खास बिंदुओं पर जांच तेज कर दी गई है। 

मोबाइल फोन अभी बरामद नहीं 

बागपत के निलंबित जेलर उदय प्रताप सिंह किसलिए चुप थे, अब यह भी बड़ा सवाल है। अफसरों के सामने पूछताछ में राठी ने हत्या के बाद न सिर्फ नहाने की बात कुबूली, बल्कि दो टूक यह भी कह दिया कि पिस्टल नाली में इसीलिए फेंकी थी, ताकि उस पर अंगुलियों के निशान न मिलें। राठी व उसके साथियों ने मुन्ना के शव की तस्वीरें भी खींची थीं, लेकिन उनके मोबाइल फोन अभी बरामद नहीं किए जा सके हैं। घटना के बाद साक्ष्य मिटाने की पूरी स्क्रिप्ट पहले से तैयारी थी। यही वजह रही कि पुलिस-प्रशासन के जेल में दाखिल होने से पहले ही राठी अपना खेल पूरा कर चुका था।

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