Umesh Pal Hatyakand : उमेश पाल हत्याकांड मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। माफिया अतीक के बहनोई, वकील विजय मिश्र, नौकर और ड्राइवर की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अतीक के बहनोई डॉ. अखलाक ने कहा कि उसे रिश्तेदार होने के कारण फंसाया जा रहा है, जबकि अन्य ने भी अपने को निर्दोष बताया। अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद इसने डॉ अखलाख के मेरठ स्थित घर पर शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार एकलाख ने जमानत पर रिहाई के लिए सितम्बर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ अखलाक के अधिवक्ता के दलील दिया कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है। वह पेशे से डॉक्टर है अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे केवल अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है।लंबी बहस में दौरान उमेश पाल की पत्नी जयपाल के अधिवक्त प्रवीण पांडे, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत पर रिहाई का विरोध किया। कहा कि सभी आरोपी हत्याकांड में सक्रिय रूप से शामिल रहे है। अभी तक ट्रायल कोर्ट में आरोप निर्मित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मौजूदा समय में अतीक की इनामी बीबी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीबी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत कुल सात अन्य आरोपी फरार है। ऐसे में उनकी रिहाई से लंबित ट्रायल प्रभावित होगा।

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