लखनऊ : पाकिस्तान के पाराचिनार में शियों के नरसंहार और आतंकवाद के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद आसिफी मस्जिद में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पोस्टर जलाकर पाकिस्तान, अमेरिका और इजराइल के खिलाफ नारेबाजी की।
बड़ा इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार अमेरिका और इजराइल की एजेंट है। पाराचिनार में लगातार आतंकी संगठन शियों का नरसंहार कर रहे हैं लेकिन पाकिस्तानी सरकार और सेना ने समय पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की।
मौलाना ने कहा कि अफगानिस्तान से आतंकवादियों को हथियार भेजे जा रहे हैं और पाकिस्तानी सरकार उनका समर्थन कर रही है। मौलाना जवाद ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र से मांग करते हैं कि शिया नरसंहार के जुर्म में पाकिस्तान और अफगानिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाए।
मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा है, अमेरिका और इजराइल के बनाये गये आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं। खासकर तालिबान और दाइश जैसे आतंकवादी संगठन वर्तमान में पाराचिनार में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें अमेरिका और इजराइल द्वारा वजूद में लाया गया और पाकिस्तानी सरकार द्वारा समर्थन दिया गया जिसके परिणामस्वरूप आज पाराचिनार को नरक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
मौलाना अली अब्बास खान ने कहा कि अल्लाह का वादा है कि असत्य पर सत्य की जीत होगी। आज भी हक बातिल के खिलाफ लड़ रहा है और जुल्म करने वालों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के पाराचिनार में हो रहे ज़ुल्म की कड़ी निंदा करते हैं। जो सरकार अपने लोगों की रक्षा नहीं कर सकती उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। हर सरकार अपने लोगों की रक्षा करना चाहती है लेकिन पाकिस्तान सरकार नाकाम हो चुकी है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से पाराचिनार में शांति बहाल करने और जालिमों को जवाबदेह ठहराने की मांग की। प्रदर्शन में मौलाना सरताज हैदर जैदी, मौलाना फिरोज हुसैन, मौलाना आदिल फराज, मीसम रिजवी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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