बता दें कि लाल बिहारी यादव विधान परिषद में सपा दल के नेता भी रहे हैं लेकिन अभी तक सपा के पास नेता प्रतिपक्ष बनाने के लायक सदस्य संख्या नहीं थी। पांच मई को रिक्त हुए 13 पदों के चुनाव में सपा को तीन सीटें मिलीं। अब विधान परिषद में उसकी कुल सदस्य संख्या 10 हो गई है, जो नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए आवश्यक सदस्य संख्या के बराबर है।उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा पाने के लिए लाल बिहारी यादव कोर्ट भी जा चुके हैं इसलिए पार्टी ने यह जिम्मेदारी उन्हें को ही देने का फैसला किया है।
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