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प्रयागराज से नई दिल्ली तक 160 KM की रफ्तार चलेंगी ट्रेनें, डबल बीम क्रैश बैरियर लगाने का काम जारी

अब दिल्ली की यात्रा और जल्दी पूरी हो सकेगी। प्रयागराज से नई दिल्ली तक रेलवे ट्रैक के किनारे डबल बीम क्रैश बैरियर लगाने का काम किया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह के जानवर और आमजन ट्रैक तक नहीं पहुंच सकेंगे। यहां ट्रेनें 160 किलोमीटर से चलेंगी। डबल बीम क्रैश बैरियर के लिए इस बार बजट में प्रावधान किया गया। प्रयागराज से फतेहपुर तक और टूंडला से दिल्ली तक बनाने का काम तेजी से चल रहा है। कानपुर और आसपास के स्टेशनों पर भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।बजट में रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर ध्यान दिया गया है। इसके लिए कवच सुरक्षा प्रणाली को भी शामिल किया गया है। प्रयागराज मंडल में यह दिसंबर तक पूरी तरह से कार्य करने लगेगा। यह सुरक्षा प्रणाली रेलवे इंजन, सिग्नल और स्टेशनों पर लगाई जाएगी। कानपुर के लोकोशेड में पहले ही कवच स्थापित हो चुका है।


बजट में रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर ध्यान दिया गया है। इसके लिए कवच सुरक्षा प्रणाली को भी शामिल किया गया है। प्रयागराज मंडल में यह दिसंबर तक पूरी तरह से कार्य करने लगेगा। यह सुरक्षा प्रणाली रेलवे इंजन, सिग्नल और स्टेशनों पर लगाई जाएगी। कानपुर के लोकोशेड में पहले ही कवच स्थापित हो चुका है।रेलवे अधिकारियों के मुताबिक डबल बीम क्रैश बैरियर की वजह से ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेंगी। नई दिल्ली हावड़ा रूट पर ट्रेनों को इतनी गति से पहले ही चेक किया जा चुका है। अभी इतने लंबे रूट पर राजधानी, दुरंतो और अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें संचालित हो रही हैं। राजधानी को वंदेभारत की तरह विकसित किया जाएगा, जबकि अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाएंगे।

रेलवे की ओर से कानपुर में पहले ही वंदेभारत के लिए लोकोशेड बनाने की घोषणा हो चुकी है, जिससे आसपास के जिलों को फायदा मिलेगा। एक लोकोशेड प्रयागराज में भी बनाया जाएगा। साथ ही थ्री फेज मेमू (नई मेमू) के ऊपर भी कार्य किया जा सकेगा। मेमू के लोकोशेड में इनकी भी मरम्मत होगी। बजट में इनके लिए भी राशि जारी की जाएगी।

अनवरगंज मंधना रेलवे लाइन पर बनने वाले जरीब चौकी मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के बनने के साथ ही आगे के स्टेशनों को विकसित किया जा सकेगा। अनवरगंज रेलवे स्टेशन पर पहले ही अमृत भारत योजना के अंतर्गत कार्य चल रहा है, जबकि मंधना स्टेशन की रूपरेखा भी बदल सकती है। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के साथ ही नया रेलवे स्टेशन सीएसजेएमयू के पास बनाया जाना है। रेलवे अधिकारी बजट में इसके लिए भी राशि मिलने की उम्मीद जता रहे हैं।

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