Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

ads header

Chhath Puja : खरना के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला व्रत - INA NEWS

पहिले पहिल हम कईनी, छठी मइया व्रत तोहर, छठी मईया व्रत तोहर...की मीठी धुन गंगा की लहरों से तान मिला रही थी। भगवान भास्कर जैसे-जैसे पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे महिलाओं का काफिला भी घाट, कुंड और सरोवरों की ओर बढ़ने लगा। लोक आस्था के महापर्व के दूसरे दिन महिलाओं ने गंगा स्नान के बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाया, अखंड सुहाग और संतति के स्वास्थ्य की कामना की।

शनिवार को शहर से गांव तक खरना की तैयारियों का नजारा एक जैसा ही रहा। घाट, कुंड और सरोवरों से लौटने के बाद घरों में खरना के प्रसाद की तैयारियां शुरू हो गईं। परंपरागत ढंग से चूल्हे में आम की लकड़ी पर गन्ने के रस से पकी चाल की दूध वाली खीर, चावल का पीठा और घी से चुपड़ी रोटी का प्रसाद बनकर तैयार हुआ। महिलाओं ने खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। दिन में तीन बजे के बाद व्रती महिलाओं के कदम घाट की ओर बढ़ने लगे थे। पहले तो घाट पर बैठकर महिलाओं ने छठ मैया के गीत गुनगुनाए। इसके बाद गंगा स्नान करके दीपदान किया। घाट के किनारे बनाई गई वेदियों पर दीप जलाकर सुख, सौभाग्य और संतति की कामना की।
देर रात तक चलती रही छठ की तैयारी, गूंजते रहे छठ के गीत
घरों से घाट तक छठ के गीत गूंज रहे हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। बरेका की रहने वाली संगीता प्रसाद ने बताया कि सुबह से ही परिवार में उत्साह का माहौल है। दिनभर सफाई व पूजन सामग्री तैयार की। हरियाणा से मेरी ननद ज्योति भी छठ पूजा करने आई है। शनिवार को निराजल व्रत रखकर रात में पूजा की।नगवां की 65 वर्षीय शकुंतला देवी 35 वर्षों से छठ पूजा करती हैं। अब वह अपने तीन बहुओं संग छठ पूजा करती हैं। उनकी बेटी भी सारनाथ से आई है। पूजन सामग्री की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि इस व्रत व पूजा की पवित्रता को कायम रखा जा सके।

भगवानपुर की आशा भी इस पूजा की तैयारी में लगी हैं। नहाय खाय के बाद शनिवार को खरना का व्रत रखा रविवार को निराजल व्रत रखेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सालों से व्रत रखती हूं। पूजा में मेरे रिश्तेदार भी शामिल होते हैं।

Post a Comment

0 Comments