रामप्रताप शंकरगढ़ थाना क्षेत्र में उप्र-मप्र सीमा पर स्थित भारत नगर चौखटा गांव के रहने वाले थे। वह राजा शंकरगढ़ महेंद्र प्रताप सिंह के चचेरे भाई मुक्तेश्वर सिंह के बेटे थे। गांव में ही रहकर जमीन का कारोबार करते थे।
परिजनों के मुताबिक, मंगलवार रात आठ बजे के करीब वह घर से निकलकर चाकघाट बाजार तक गए थे। आरोप है कि वहां उनके ही गांव का प्रधान आशीष सिंह उर्फ राजा मिल गया जिसने उन्हें देखते ही गालीगलौज व विवाद शुरू कर दिया। रामप्रताप ने विरोध किया तो उन्हें गोली मार दी गई।
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