PRAYAGRAJ : ईद की खुशियां भले ही पूरे शहर में देखने को मिल रही हो, मगर अतीक अहमद के मोहल्ले की रौनक गायब रही। चकिया, कसारी- मसारी में इस बार न तो झूले लगे और न ही कहीं डीजे बजा। यहां तक कि दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। चकिया चौराहे पर सुरक्षा में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात रहे। सुबह के समय ईद की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने घरों में ही ईद मनाना मुनासिब समझा। नूरी से हरी मस्जिद तक सड़कों पर गिनती के लोग की एक दूसरे को ईद की बधाई देते नजर आ रहे थे।
एक दौर था जब चकिया, कसारी-मसारी की ईद का जश्न दूर दूर तक प्रसिद्ध था। लोग कसारी-मसारी में रहने वाले अपने मित्रों, सगे संबंधियों को ईद की बधाई देने के बहाने यहां आते थे। अतीक के घर पर ईदी लेने लिए लंबी कतार लगती थी। घर के पास झूले भी लगे होते थे, जहां बच्चे सारा दिन मस्ती करते थे। सड़कों पर चहल पहल रहती होती थी।शाम के समय चकिया के पोस्ट ऑफिस वाली गली में डीजे लगता था। 2016 में अतीक अहमद के जेल जाने के बाद से यह रौनक खत्म सी होने लगी। इस बार चकिया, कसारी-मसारी की सड़कों पर सीमित संख्या में लोग नजर आ रहे थे। चकिया के अलावा करबला, राजरूपपुर, हिम्मतगंज, शाहगंज व चौक इलाके में भी आरएफ, पीएसी व सिविल पुलिस बल की तैनात रही।
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