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11-12 फरवरी को काशी साहित्य कला उत्सव में जुटेंगी विश्वविख्यात हस्तियाँ

  • बनारस में भी होगा बनारस लिट् फेस्ट का आयोजन
  • 11-12 फरवरी होगा बनारस लिट् फेस्ट 
  • -"काशी साहित्य कला उत्सव" के आयोजन में जुटेंगी साहित्य-कला-संगीत की अंतरराष्ट्रीय हस्तियाँ 

वाराणसी : भारत की सारस्वत साधना के केंद्र , साहित्य-संस्कृति की राजधानी बनारस में 11-12 फरवरी को काशी साहित्य कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 

साहित्य के इस कुम्भ में कविता, कहानी, संगीत, सिनेमा, पत्रकारिता, कला, नाटक सहित विविध विधाओं के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार, शिक्षाविद, बुद्धिधर्मी भागीदारी करेंगे।

इस संबंध में आयोजक संस्था 'नव भारत निर्माण समिति', वाराणसी के सचिव बृजेश सिंह ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में बनारस दो दर्जन से अधिक महत्त्वपूर्ण साहित्यकार, लेखक, कवि, आलोचक, संगीतकार, मीडिया विशेषज्ञ, शिक्षाविद, सिनेमा, थिएटर कलाकार, विशेषज्ञ की मेजबानी करेगा। साथ ही, बनारस-पूर्वांचल के  प्रमुख साहित्यकार , कलाकार भी काशी साहित्य कला उत्सव को गरिमा प्रदान करेंगे। 

इनमें विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों-सम्मानों जैसे साहित्य अकादमी, पद्म पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी से सम्मानित हस्तियाँ भी शामिल होंगी।

इन विषयों पर होगी चर्चा एवं प्रस्तुतियाँ -

नव भारत निर्माण समिति के सचिव बृजेश सिंह ने प्रमुख वक्ताओं, लेखकों, कलाकारों, आलोचकों, संगीतज्ञों, शिक्षाविदों की सूची जारी करते हुए बताया कि काशी के विश्वविख्यात विद्वान आचार्य डॉ. कमलेशदत्त त्रिपाठी , प्रख्यात कथाकार, लेखक डॉ. काशीनाथ सिंह, लेखक-समीक्षक-विचारक डॉ चौथीराम यादव, ख्यात अध्येता, समीक्षक डॉ. अवधेश प्रधान, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. हरिकेश सिंह एवं अनेक लेखकों, साहित्यकारों, विद्वानों के सान्निध्य में पहली बार भव्य-दिव्य रूप में यह साहित्योत्सव आयोजित किया जा रहा है। 

साहित्योत्सव में कविता, कथा, नाटक, पत्रकारिता, संगीत, कला, आलोचना, सिनेमा पर जहाँ बात होगी , वहीं अनेक मनभावन प्रस्तुतियाँ भी होगीं। काशी की 400 वर्ष पुराने घराने की परंपरा को जगाए-जिलाए रखने वाले विश्वविख्यात शास्त्रीय गायक पद्मभूषण पंडित साजन मिश्र की जहाँ प्रस्तुति होगी, 

वहीं सुप्रसिद्ध युवा लोक एवं शास्त्रीय गायिका मैथिली ठाकुर एवं टीम भोजपुरी, मैथिली, हिंदी में लोक संगीत की सरस गायकी से आयोजन को गरिमा देंगी।  प्रो. डॉ. अशोक चक्रधर (दिल्ली) की कविता होगी, वहीं मदन मोहन दानिश (ग्वालियर) और शारीक़ कैफ़ी जैसे सुपरिचित शायर अपनी रचनाओं से समां बांधेंगे।  भोजपुरी के लोकप्रिय कवि प्रकाश उदय (बनारस) की भोजपुरी कविता भी होगी।  साथ ही, अनेक वरिष्ठ एवं युवा तथा नवोदित कवियों, गीतकारों की रचनाओं से सभी पीढ़ी के श्रोता-दर्शक आनंद अनुभव करेंगे।

"बॉलीवुड की बुनियाद" के चर्चित लेखक, सांस्कृतिक पत्रकार, थिएटर-फ़िल्म विशेषज्ञ-समीक्षक अजित राय थिएटर एवं सिनेमा संसार की बातें करेंगे। 

 'इश्क कोई न्यूज़ नहीं'(लप्रेक) और 'मंडी में मीडिया' के चर्चित लेखक, मीडिया समीक्षक एवं शिक्षाविद विनीत कुमार 'मीडिया समय-समाज' पर सुचिंतित प्रकाश डालेंगे। विख्यात युवा कथाकार, लेखक एवं मणिरत्नम जैसे महान फिल्मकार की फ़िल्म 'पी एस-1' के संवाद लेखक दिव्य प्रकाश दुबे की 'स्टोरीबाजी' होगी।

अद्भुत भाषा-शिल्प व अलहदा कथ्यों की धनी मेधावी लेखिका, कथाकार नीलाक्षी सिंह की कथा-कहानी होगी एवं कहानी पर बात होगी।  'परछाईं' कहानी के लिए "राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान 2022" में 'विशेष ज्यूरी अवार्ड' से पुरस्कृत नवोदित कवि-कथाकार शुभम नेगी (मुंबई) भी अपनी कथा कहेंगे।

  गृह मंत्रालय, भारत सरकार में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में सराहनीय सेवाओं के लिए ‘भारतीय पुलिस पदक’ (2010) एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा ‘पुलिस पदक’ (2017) से अलंकृत हो चुके  बनारस की माटी के वरिष्ठ कथाकार-उपन्यासकार त्रिलोकनाथ पांडेय भी बनारस के इस साहित्योत्सव के आकर्षण होंगे। अपने शोध, जीवानानुभवों, अध्ययन से चाणक्य के जासूस, प्रेम लहरी, काशी कथा, खुफियागीरी युगे-युगे 
रच चुके हैं और लगातार लिख रहे हैं।
         
बृजेश सिंह ने आगे बताया कि बनारस लिट् फेस्ट में सभी पीढ़ी के साहित्यरसिक, संगीत-कला प्रेमी श्रोताओं-दर्शकों के लिए कुछ न कुछ होगा। जहाँ शब्दशिल्पियों, कलाकारों की कई पीढ़ियाँ होंगी , वहीं कई पीढ़ियों के दर्शक भी होंगे।

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