अयोध्या : रामनगरी के 1080 मठ-मंदिर गृहकर से मुक्त हो गए हैं। हाउस टैक्स के नाम पर नगर निगम अब इनसे टोकन मनी के रूप में एक-पांच हजार रुपये सालाना सहयोग लेगा। मठ-मंदिरों को सरकार की ओर से मिले इस उपहार पर अयोध्या के संत-धर्माचार्यों ने हर्ष जताया है।
अयोध्या को मंदिरों की नगरी कहा जाता है। यहां छोटे-बड़े करीब आठ हजार मठ-मंदिर हैं। अयोध्या धाम में 11300 मकान हैं, इन सभी से नगर निगम द्वारा टैक्स लिया जाता था। कोरोना काल में मंदिरों की आमदनी पूर्ण रूप से ठप हो गई थी, बावजूद इसके मंदिरों को टैक्स देना पड़ा जिससे साधु-संतों को परेशानी हुई। साधु-संतों ने मठ-मंदिरों पर आवासीय भवनों की तर्ज पर लगाए जा रहे भारी टैक्स की शिकायत मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने मठ-मंदिरों को टैक्स से मुक्त करने का निर्देश दिया है।शासनादेश के बाद तत्काल नगर निगम ने अयोध्या धाम में सर्वे कराया। शासन द्वारा तय किए गए मानक के अनुसार अयोध्या धाम में 1080 मठ-मंदिरों की सूची तैयार की गई, जिन्हें कर से मुक्त कर दिया गया है। अब ऐसे मंदिरों को केवल टोकन मनी के रूप में सालाना एक हजार से पांच हजार तक का सहयोग देना होगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा मंदिर की भव्यता और परिसर के क्षेत्रफल के हिसाब से श्रेणी तैयार की गई है। जिसमें 1000, 3000 और 5000 रुपये की सहयोग राशि मठ-मंदिरों को नगर निगम को देना होगा।टोकन राशि भी मंदिर की अर्थव्यवस्था को देखते हुए तय की गई है। रामकोट वार्ड के पार्षद व हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने कहते हैं कि मठ-मंदिरों को टैक्स मुक्त करने का निर्णय अत्यंत सराहनीय है। बहुत से मंदिर ऐसे हैं जहां राग-भोग के भी लाले रहते हैं। ऐसे मठ-मंदिरों को इस योजना से बड़ी राहत मिलेगी साथ ही परंपरा भी सुरक्षित रहेगी।
छूटे मठ-मंदिर कर सकेंगे आवेदन
सर्वे में जो मठ-मंदिर रह गए हैं, उनके लिए भी नगर निगम ने अवसर दिया है। सहायक नगर आयुक्त अंकिता शुक्ला ने बताया नगर निगम द्वारा अब भी सर्वे कराया जा रहा है। ऐसे मठ-मंदिर जो सर्वे में छूट गए हैं उनके स्वामी/महंत आवेदन कर सकते हैं। शासन द्वारा तय की गई गाइड लाइन के अंतर्गत आने पर ऐसे मठ-मंदिरों को भी कर मुक्त किया जाएगा, केवल टोकन मनी के रूप में सहयोग लिया जाएगा।
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