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पानी-पानी राजधानी, भोपाल की तालाब बनी सड़कों पर चली नाव,बारिश रोकने मेढ़क-मेढ़की का तलाक

राजधानी भोपाल में भारी बारिश का कहर जारी है। भोपाल में लगातार 54 घंटे से जारी बारिश सोमवार देर रात थम गई। बारिश रुकने के बाद जगह-जगह बर्बादी के नजारे देखने को मिले। शहर के कई हिस्सों में देर रात बिजली सप्लाई जारी होने से लोगों ने राहत की सांस ली। बीते 24 घंटे में भोपाल में 14 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आगामी कुछ घंटों में फिर बारिश के आसार व्यक्त किए हैं।

बैरसिया तहसील के ग्राम लहारपुर में संजय सागर बांध की बाढ़ में फंसे हुए 2 परिवारों के 7 लोगों को एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित बचा लिया है। सभी लोग जान बचाने के लिए पिछले 24 घंटे से अपने मकान की छत पर चढ़े हुए थे। भोपाल से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम ने रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन अंधेरा होने के कारण लोगों को कल बाहर नहीं निकाल सके थे। मंगलवार सुबह सभी को सुरक्षित बचाने में सफलता मिली।बारिश थमने के बाद भी राजधानी की कई कॉलोनियों में पानी भरा है। बारिश के कहर से भोपाल में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। अति भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई जगहों पर पेड़ धराशायी हो गए हैं। भोपाल में करीब 500 पेड़ गिर गए। बिजली न होने के चलते पानी सप्लाई भी प्रभावित हुई।
बारिश रोकने मेढ़क-मेढ़की का तलाक
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश भोपाल में हो रही है। भारी बारिश से निजात पाने के लिए भोपाल के शिव मंदिर में मेढ़क-मेढ़की का रीति रिवाजों के साथ तलाक कराया गया। जुलाई में बारिश न होने के चलते शिव शक्ति मंडल के लोगों ने मेढ़क-मेढ़की की शादी कराई थी। लेकिन भारी बारिश के चलते परेशान मंडल के लोगों ने ही सोमवार को दोनों का तलाक कराय। इस दौरान दर्जन भर लोगों ने मंदिर में पूजा की। पुजारी ने कहा कि कभी-कभी एक टोटके को खत्म करने के लिए दूसरा करना पड़ता है। 


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