लखनऊ - कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा की व्यवस्था के लिए सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के वैध संरक्षक को बच्चों के बालिग होने तक चार हजार रुपये प्रति माह प्रति बच्चा दिए जाएंगे। निराश्रित बालिकाओं की शादी में सरकार एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी।
योगी कैबिनेट से पास प्रस्ताव के तहत यदि कोरोना की वजह से माता-पिता दोनों या माता अथवा पिता में से किसी एक का निधन हुआ हो तब बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पात्रता की श्रेणी में आने के लिए पारिवारिक आय दो लाख रुपये सालाना से कम होनी चाहिए। इसमें ऐसे बच्चे निराश्रित की श्रेणी में आएंगे, जिनके माता पिता का निधन एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से हुआ हो या फिर माता-पिता में से किसी एक का निधन एक मार्च 2020 के पहले हो चुका हो और दूसरे का निधन कोरोना की वजह से हुआ हो।पढ़ाई के लिए टैबलेट या लैपटॉप मिलेगा : इसके अलावा उन बच्चों को भी इसके दायरे में रखा जाएगा, जिनके माता-पिता का निधन एक मार्च 2020 के पहले हो चुका हो और उनके वैध संरक्षक का निधन कोरोना की वजह से एक मार्च 2020 के बाद हुआ हो। योजना के मुताबिक कक्षा नौ या इसके ऊपर या व्यावसायिक शिक्षा पा रहे 18 साल तक के बच्चों को पढ़ाई के लिए टैबलेट या लैपटॉप दिया जाएगा।
कोविड से निधन में माने जाएंगे यह साक्ष्य : लाभ पाने के लिए कोविड-19 से निधन का साक्ष्य भी प्रस्तुत करना होगा। साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी-पीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 के इंफेक्शन की पुष्टि होनी चाहिए। साथ ही कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कई बार कोरोना के कारण आई जटिलताओं में मौत हो जाती है। ऐसे में इन्हें भी कोरोना से होने वाली मौत में स्वीकार किया जाएगा।
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