विलुप्त हो रही गौरैया को बचाने के लिए वर्ष 2010 से हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। गौरैया को झुंड में रहना पसंद है। भोजन के लिए गौरैैया का एक झुंड करीब दो मील की दूरी तय करता है।
एक परिंदा मीठे गीत सुनाएगा।
मगर, ऐसा सुनने को नहीं मिला रहा है, क्योंकि कंक्रीट के जंगल और मोबाइल टावर से निकलने वाली तरंगें उनके अस्तित्व के लिए खतरा बन गई हैं। इसलिए इसका जिक्र विश्व गौरैया दिवस (20 मार्च) पर करना लाजिमी है,
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