मकर संक्रांति त्यौहार सूर्य के डुब ने के बाद मनाया जाता है इस पर्व के विशेष बात यह अन्य त्यौहार की तरह अलग-अलग तारीखों पर नहीं बल्कि हर साल 14 जनवरी को हो आता है जब सूर्य उत्तरायन होकर मकर रेखा से होकर गुजरता है यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है कभी-कभी यह एक दिन पहले या बाद में 14 जून 15 को मकर संक्रांति के सम्बद सीधा पृथ्वी भूगोल और सूर्य की स्थिति से है जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है वह दिन 14 जनवरी को होता है
अतः इस दिन मकांसर मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है आंध्र प्रदेश कर्नाटक ;केरल; उत्तर प्रदेश इसे संक्रांति कहा जाता है तमिलनाडु में इसे पोंगल;पर्व मनाया जाता है पंजाब और हरियाणा में इसे नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है वही में बिहू के रूप मनाया जाता है इस को उलखास के साथ मनाया जाता है हर राज्य और प्रदेश में में इसे मानने का तरीका अलग-अलग हैं
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