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बैडमिंटन खिलाड़ी बेचने के लिए मजबूर


ताजनगरी : आगरा
में सात बार की जिला बैडमिंटन चैंपियन और राज्यस्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी राधा ठाकुर मुफलिसी में अपना रैकेट बेचने के लिए मजबूर हो गईं। लॉकडाउन में पिता राजेंद्र और भाई संजू सिंह की नौकरी छिन गई। टूर्नामेंट जीतकर जो पैसा मिल जाता था, वो भी नहीं मिल रहा। घर में खाने-पीने तक की दिक्कत हो गई है। उनका कहना है कि रैकेट बेचने से ज्यादा न सही लेकिन दो दिन के खाने का तो इंतजाम हो ही जाएगा।

20 वर्षीय राधा सदर में नंद टॉकीज के पास एक कमरे के मकान में माता, पिता और भाई के साथ रहती हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से एक महीने पहले ही भाई संजू की नौकरी मुंबई में एक निजी कंपनी में लगी थी। लॉकडाउन के बाद कंपनी ने उसे नौकरी से निकाल दिया। पिता राजेंद्र सिंह आगरा में ही एक निजी कंपनी में काम करते थे। उनकी नौकरी भी छूट गई। चार सदस्यों के परिवार में आमदनी शून्य हो गई। जो थोड़ी-बहुत जमापूंजी थी, वो खर्च हो गई। अब कोई उधार भी नहीं दे रहा।

और कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा'
राधा ने बताया कि घर में एक गाय है। उसके चारे के लिए भी पैसे नहीं है। कोई सदस्य बीमार हो जाए तो दवा कहां से लाएं। यह बहुत ही दुख भरा निर्णय है लेकिन रैकेट बेचने के सिवाय कोई चारा नहीं है। इससे ज्यादा न सही, लेकिन दो दिन का खर्च तो निकल ही जाएगा।

राधा ठाकुर की उपलब्धियां
- सात बार की जिला चैंपियन हैं राधा ठाकुर।
- फर्स्ट सीनियर मेजर बैडमिंटन चैंपियनशिप-2019 की रनर अप (डबल्स)।
- यूपी स्टेट सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप-2020 की रनर अप (डबल्स)।
- यूपी स्टेट फर्स्ट सीनियर मेजर बैडमिंटन टूर्नामेंट-2018 की सेमी फाइनलिस्ट (सिंगल्स)।
- यूपी स्टेट फर्स्ट सीनियर मेजर बैडमिंटन टूर्नामेंट-2019 की सेमी फाइनलिस्ट (डबल्स

रिपोर्ट : बृज किशोर
संवाददाता आगरा


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