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नौकरी की दौड़ जीती, जिंदगी की हार गई अंशिका

उदय सिंह यादव : प्रधान संपादक : INA NEWS

बरेली : इकलौती बेटी को पुलिस में भर्ती कराने का सपना संजोए अंशिका के पिता रामवीर उसे लेकर खुद ही बरेली पहुंचे थे। बेटी पीएसी ग्राउंड में दौड़ रही थी और बाहर खड़े पिता उसकी सफलता की दुआ कर रहे थे। मगर उन्हें अच्छी और बुरी, दोनों खबरें सुनने को मिलीं। बेटी अंशिका ने पुलिस भर्ती की दौड़ तो पूरी कर ली लेकिन वह जिंदगी की दौड़ हार चुकी थी। 

बागपत के फजलपुर सुंदर नगर की रहने वाली अंशिका सिंह आरक्षी भर्ती के लिए हो रही शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने आई थीं। यहां उन्हें 14 मिनट में छह राउंड लगाकर 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी थी। अंशिका ने यह दौड़ 13 मिनट और कुछ सेकेंड में पूरी कर ली। मगर इसके साथ ही वह ट्रैक पर बेसुध होकर गिर पड़ी और दम तोड़ दिया। 

सूचना पर एसपी ग्रामीण संसार सिंह, एसपी सिटी, पीएसी कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, कमलेश बहादुर समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे। बाहर मौजूद उसके पिता रामवीर, मुंह बोला भाई विनय और उसकी बहन को अंशिका की तबियत बिगड़ने की सूचना दी गई तो सभी जिला अस्पताल पहुंच गए। यहां मोर्चरी के बाहर अधिकारियों ने रामवीर को घटनाक्रम के बारे में बताया तो वह उनके चेहरे देखते रहे लेकिन बेटी का शव देखा तो बदहवास हो गए। बेटी के चेहरे को छूकर फूट-फूट कर रो पड़े। परिवार वालों ने बताया कि अंशिका सबसे बड़ी थी, उससे छोटे दो अन्य भाई भी हैं। 

सिर्फ कार्डियक अरेस्ट.. और कुछ नहीं

पोस्टमार्टम में अंशिका की मौत कार्डियक अरेस्ट से होने की पुष्टि हुई है। जिला अस्पताल के पूर्व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वीपी भारद्वाज के मुताबिक इस तरह की मौत कार्डियक अरेस्ट से ही होती है। इसकी दो परिस्थितियां होती हैं, वेसोवेगल शॉक या वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन। वेसोवेगल शॉक में शरीर पर तनाव काफी बढ़ जाता है और हृदय की मांसपेशियां अलग-अलग धड़कने लगती हैं। इसी तरह वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन में नसों में खून के थक्के जम जाते हैं। तुरंत सीपीआर देने से सांस तो आ जाती है लेकिन खून के जमे हुए थक्के हृदय में पहुंचने की वजह से धड़कन नहीं लौटती। इन दोनों ही वजह से कार्डियक अरेस्ट होता है और मौत हो जाती है। इसका एक अन्य कारण एयरोटिक वॉल्व में सिकुड़न होना भी होता है। ज्यादा मेहनत करने पर कोरोनरी आर्टिलरी का ब्लड हार्ट खींच लेता है। वह ब्लड एओरटा नली में आ जाता है। इससे भी हार्ट काम करना बंद कर देता है। 

हॉकी प्लेयर की भी ऐसे ही हुई थी मौत

कैंट क्षेत्र के गांव भरतौल निवासी हॉकी प्लेयर विनोद सिंह रावत की मौत भी मई 2018 में इसी तरह हुई थी। वह साई स्टेडियम में वर्क आउट कर रहे थे और अचानक ही कार्डियक अरेस्ट हो गया। विनोद नेशनल हॉकी प्लेयर थे और बिहार की तरफ से खेलते थे। स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड पर दौड़ते वक्त उनके साथ हादसा हुआ था।

INA NEWS DESK

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