स्पेशल रिपोर्ट - डॉ खुशी आहूजा, MBBS ,
INA DESK - एक सर्वे के मुताबिक़, 80 प्रतिशत महिलाएं ग़लत साइज़ की ब्रा पहनती हैं. इसकी कई वजहें हैं. ख़ासतौर पर अपने ब्रेस्ट का सही साइज़ पता न होना और महंगी ब्रा इसकी सबसे बड़ी वजह हैं. ब्रा की क़ीमत को देखकर अधिकतर महिलाएं सस्ती ब्रा के साथ समझौता कर लेती हैं, जिनकी क्वॉलिटी और फ़िटिंग दोनों उनके लिए सही नहीं होती.
क्या आप जानती हैं, आख़िरकार ब्रा इतनी महंगी क्यों होती हैं? क्या उनपर ख़र्च करना सही क़दम होता है?
बिल्कुल हमें अपने अंडरगार्मेंट्स के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका इस्तेमाल हम बाक़ी कपड़ों के मुक़ाबले सबसे ज़्यादा करते हैं. आप हर दिन ब्रा को तक़रीबन 16 घंटे तक पहनती पहनकर रखती हैं. इसके अलावा इसका सीधा असर आपके ब्रेस्ट के शेप और सेहत पर पड़ता है.
शोध बताते हैं कि औसतन महिलाएं अपनी ब्रा या अंडरगार्मेंट्स पर जीन्स, टॉप और अन्य कपड़ों के मुक़ाबले बहुत कम ख़र्च करती हैं. एक टी शर्ट को आप ज़्यादा से ज़्यादा महीने में 4 बार पहनती होंगी, लेकिन ब्रा को आप कम से कम 6 बार पहनती हैं. ऐसे में इसका अच्छे और टिकाऊ फ़ैब्रिक से बना होना ज़रूरी है.
समय-समय पर बदलें अपनी ब्रा
वज़न बढ़ने, घटने, हार्मोनल चेंजेस, प्रेग्नेंसी ऐसी कई वजह हैं, जिनकी वजह से आपके ब्रेस्ट साइज़ में अंतर आता है. इसलिए हर बार ब्रा का साइज़ जांच कर ही ख़रीदें. क्या आपके कपड़ों का साइज़ आजीवन एक ही रहता है? तो उसी तरह ज़िंदगीभर आपका काम एक ही साइज़ की ब्रा से नहीं चलने वाला. भले ही देखने में आपको चेस्ट साइज़ में कोई अंतर न लगे, लेकिन जब आप अपनी रेगुलर साइज़ के क़रीबी साइज़ वाली ब्रा आज़माएंगी, तो आपको ख़ुद ही समझ आ जाएगा कि आपके लिए बेहतर विकल्प क्या है. ब्रा की फ़िटिंग का पूरा ख़्याल रखें. बहुत ज़्यादा कसी या बहुत ज़्यादा ढीली ब्रा न पहनें. विशेषज्ञ बताते हैं कि ढीली या टाइट ब्रा पहनने से बेहतर है कि ब्रा पहनी ही न जाए. कई बार महिलाएं रैशेस से बचने के चक्कर में ढीली ब्रा पहनती हैं, जो उनके ब्रेस्ट्स के आकार को बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाती हैं. रैशेस से बचने का तरीक़ा ढीली ब्रा नहीं, बल्कि अच्छी गुणवत्तावाली ब्रा हैं.
ज़्यादा टाइट या ढीली ब्रा न पहनें
अक्सर ब्रेस्ट को छोटा दिखाने के चक्कर में लड़कियां कसी हुई ब्रा पहन लेती हैं, लेकिन इससे आपके ब्रेस्ट का रक्त प्रवाह बिगड़ने और रैशेस आने के अलावा कुछ नहीं होनेवाला. सही आकार और साइज़ का ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट अपने सबसे बेहतरीन आकार में दिखाई देंगे. इसलिए कभी भी ब्रा साइज़ के साथ समझौता न करें.
अब सवाल यह खड़ा होता है कि ब्रा का सही साइज़ कैसे चुनें. तो यहां हम आपकी इस प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं.
कैसे नापें
* जहां ब्रा की बैंड होती है- कमर के ऊपर- उस हिस्से पर इंची टेप लपेटकर साइज़ नापें. बहुत ज़्यादा कसकर माप न लें. यदि आपका माप पॉइंट्स में आता है, तो कम के बजाय ज़्यादा नंबर की ब्रा लें. जैसे 33.5 आने पर 34 साइज़ की ब्रा आज़माएं, ना कि 33. कप साइज़ का भी ख़्याल रखें. कप साइज़ के लिए ब्रेस्ट का माप इंचीटेप से लें.
* ब्रा ट्राइ करते समय ख़्याल रखें कि स्ट्रैप्स सही ढंग से आपके कंधों पर बैठें. वे बहुत ज़्यादा कसे या कंधों पर से गिरते हुए न हों. इसके अलावा अपने ब्रेस्ट के साइज़ के अनुसार स्ट्रैप्स की चौड़ाई चुनें. स्ट्रैप्स का काम है, आपके कप्स को सपोर्ट करना.
* बैंड कंधे और कुहनी के बीच में होना चाहिए. बहुत ऊपर या बहुत नीचे नहीं. यह एक ट्रिक है, जिससे आप समझ सकती हैं कि आप सही ब्रा ख़रीद रही हैं या नहीं.
* कप्स में आपका ब्रेस्ट पूरी तरह समाना चाहिए, बशर्ते आप पुश अप्स ब्रा न ख़रीद रही हों. पुश अप्स में भी ब्रेस्ट का पूरा निचला हिस्सा ब्रा के कप्स में अच्छी तरह फ़िट बैठना चाहिए.
* ब्रा पहनने के बाद हिलते-डुलते वक़्त नीचे का हिस्सा उठना नहीं चाहिए. फिर चाहे ब्रा वायर्ड हो या नॉन-वायर्ड. पहनने के बाद ब्रा का हर हिस्सा पूरी तरह से आपकी त्वचा पर चिपका हुआ लगना चाहिए. और जब भी आप हिलें या हाथ उठाएं तो ऊपर ना चढे. ब्रा मापते वक़्त हाथों को ऊपर उठाकर, झुककर ज़रूर जांचें.
* हर टाइप की ब्रा आपके लिए सही हों, ज़रूरी नहीं. बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं के लिए टी शर्ट ब्रा या पुश-अप्स ब्रा उतनी कारगर नहीं होतीं, जितनी की मीडियम साइज़ कप वाली महिलाओं के लिए. उसी तरह छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाएं बहुत ज़्यादा पैडिंग कर चेस्ट को बड़ा दिखाने की ग़लती न करें. इससे आपके ब्रेस्ट को ब्रीदिंग का मौक़ा नहीं मिलता. इसके अलावा कपड़ों में आपके चेस्ट का आकार भी सुडौल नज़र नहीं आता.
INA NEWS DESK
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