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गाँधी जयंती विशेष: नोट पर गाँधी के आने की पूरी कहानी

क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय नोटों पर सिर्फ गांधी जी की तस्वीर ही क्यों छपती है? साथ ही सवाल हैं कि आखिर भारत में इतने महापुरुषों के होने के बावजूद तमाम नोटों पर सिर्फ गांधी जी की ही तस्वीर क्यों? सोशल मीडिया पर गाँधी जी की फ़ोटो को लेकर अक्सर सवाल भी उठते रहते हैं और लोगों की मांग रहती है कि भगत सिंह या अम्बेडकर जैसे लोगों की फ़ोटो भी नोट पर आए. तो चलिए आपको बताते है कि नोट पर कैसे और कहाँ से आई महात्मा गाँधी की वो तस्वीर.

देश के आज़ाद होने से पहले भारत के नोटों पर ब्रिटेन की महारानी की तस्वीर लगी होती थी. 15 अगस्त 1947 को देश को आज़ादी मिलने के बाद से नोट पर महारानी की फ़ोटो छपनी बन्द हो गई. 

1996 में भारतीय रिजर्व बैंक ने महात्मा गाँधी सीरीज नाम से नोट बाज़ार में उतारे. इन नोटों पर महात्मा गाँधी की तस्वीर लगी थी. हालांकि, यह पहली बार नहीं था जब बापू की फ़ोटो लगे नोट बाज़ार में आए हों. 1996 से सालों पहले भी महात्मा गांधी की तस्वीर लगी नोट रिजर्व बैंक ने 1969 में जारी की थी. गांधी जी के जन्म शताब्दी के अवसर पर केन्द्रीय बैंक ने कुछ नोटों पर गांधी की तस्वीर लगाई थी. तब यह तस्वीर केवल कम अमाउंट के नोटों पर थी. 

आजकल किसी भी नोट को हाथ में आते ही सबसे पहले दिखता है महात्मा गाँधी का मुस्कुराता हुआ चेहरा. लेकिन क्या आपको मालूम है ये कहाँ से आई है? नहीं मालूम... कोई बात नहीं हम बता देते हैं. 

नोटों पर छपी बापू की ये फोटो उनकी तत्कालीन भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी लॉर्ड फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ हुई 1946 में मुलाकात के दौरान ली गई थी. 




इस तस्वीर को किसने खींचा था ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है. इसी फोटो को बाद में क्रॉप कर सिर्फ चेहरे वाले हिस्से को नोटों पर लगाया गया था. गाँधी जी इस फोटो में बेहद ही सौम्य अंदाज में मुस्कराते हुए दिखते हैं.

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