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13 से शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रि, 9 दिन भूल कर भी न करें ये कार्य


पवलीन सिद्दीकी 

आषाढ़ महीने की प्रतिपदा तिथि यानी 13 जुलाई से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। यह नवरात्रि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। इस दौरान किया गया पूजन व अनुष्ठान कई गुना फलदायी है।



ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि व इस दौरान वर्जित कार्यों के बारे में...

इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग में नवरात्र का समापन होगा। गुप्त नवरात्रि में भी आम नवरात्रि की तरह माता की पूजा की जाती है और पूरे 9 दिनों तक व्रत रखा जाता है। इस नवरात्रि को तांत्रिक सिद्धियों की पूजा करने के लिए भी सबसे उत्तम माना जाता है।

गुप्त नवरात्र आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में मनाये जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां काली की पूजा की जाती है। 

गुप्त नवरात्रि में माता काली के गुप्त स्वरुप की पूजा करने का विधान है। यह पूजा तंत्र साधना के लिए की जाती है जोकि बहुत ज्यादा कठिन मानी जाती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

- इस दौरान 9 दिन तक व्रत रखने वाले साधकों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- गुप्त नवरात्रि में मां का पूजन करने वाले भक्तों को चमड़े की चीजों से दूर रहना चाहिए।
- इस दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए, बच्चों का मुंडन संस्कार भी इस दौरान वर्जित है।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान व्रत व अनुष्ठान करने वाले भक्तों को दिन में सोना नहीं चाहिए।
- इस दौरान किसी भी व्यक्ति को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।
- देवी की अाराधना के इस पर्व के दौरान नारी का अपमान नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान 9 दिन तक व्रत करने वाले साधकों को नमक व अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान भक्तों को प्याज, लहसुन व मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।

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