दिल्ली - दिल्ली सचिवालय पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल ने बेशक कैबिनेट बैठक के साथ समीक्षा बैठकें कीं, लेकिन वह अधिकारियों की विश्वास बहाली
के लिए बैठक करने की मांग पूरी नहीं कर सके।
हालांकि, उन्होंने पहल करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बैठक कर
अधिकारियों से बातचीत करने को कहा है। लेकिन अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने
पर अड़े रहे। करीब चार महीने से लंच के वक्त मौन व्रत रखकर विरोध दर्ज कराने का
सिलसिला अधिकारियों ने जारी रखा। उधर, केजरीवाल इलाज कराने के लिए बंगलूरू रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि
खराब सेहत के बावजूद केजरीवाल सचिवालय पहुंचे थे। दिल्लीवासियों की बुनियादी
जरूरतें पूरा करने के लिए ताबड़तोड़ बैठकें की। बैठकों में भी उनकी सेहत दुरुस्त
नहीं थी।
वहीं, दोपहर बाद इलाज के लिए उन्हें बंगलूरू भी रवाना होना था। ऐसी हालत
में वह बैठक नहीं कर सके। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने मनीष सिसोदिया को दी है। सूत्र
बताते हैं कि उपमुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से पहले आईएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा
सक्सेना से संपर्क किया गया। उन्होंने इस पहल का स्वागत तो किया, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ बैठक की बात
कही।
साथ ही मुख्य सचिव से भी इस बारे में संवाद
बनाने की सलाह दी। इसके बाद उपमुख्यमंत्री सचिवालय ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से
संपर्क किया। लेकिन उन्होंने भी मुख्यमंत्री के साथ बैठ मसला सुलझाने की बात
दोहराई। अधिकारियों को बता दिया गया है कि मुख्यमंत्री दस दिन बाद बंगलूरू से वापस
लौटेंगे। इसके बाद ही इस तरह की बैठक संभव हो सकेगी।
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