इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 44 साल पुराने देहुली नरसंहार मामले में दो दोषियों रामसेवक और कप्तान सिंह की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। इसके साथ ही एक अन्य दोषी रामपाल सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
देहुली नरसंहार में 24 लोगों को गोली मार कर हुई थी हत्या
अभियोजन के अनुसार नवंबर 1981 में मैनपुरी के जसराना थाना क्षेत्र के देहुली गांव में 24 लोगों की नृशंस हत्या की गई थी। लायक सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि रामसेवक, कप्तान व रामपाल सहित 17 लोगों ने बंदूख व राइफलों से लैस होकर देहुली गांव पर हमला कर दिया और लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें 24 लोगों की जान चली गई। दर्जनभर लोग घायल हुए। शिकायतकर्ता का कहना था कि घटना से साल भर पहले राधे और संतोष सिंह एक पुलिस मुठभेड़ में शामिल थे और दोनों भाग निकले। इसके बाद देहुली गांव के जाटव समाज के कुछ लोग पुलिस के गवाह बन गए। इसी नाराज होकर आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
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