श्रद्धालुओं ने पावन सलिला में डुबकी लगाई और सरयू पूजन-अर्चन के बाद गो दान की परंपरा का निर्वहन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सूर्योदय के बाद पूर्वाह्न तक चले इस क्रम के साथ मठ-मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब दर्शन-पूजन के लिए जुटने लगा। पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ में श्रद्धालुओं ने यथा शक्ति और भक्तिभाव से भोले बाबा का अभिषेक किया।
अधिसंख्य ने सरयू के जल से बाबा को अभिषिक्त किया तो ऐसे भी कम नहीं रहे जिन्होंने दूध, घृत अथवा शहद से इस विशेष पर्व पर बाबा का अभिषेक किया।
नगरी के आराध्य भगवान राम और उनके प्रिय दूत हनुमंत लला के दरबार बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी, वैष्णव परंपरा की आस्था के केंद्र में रहने वाला कनक भवन, श्रीरामजन्मभूमि आदि मंदिर पर सुबह से दर्शनार्थियों की लंबी कतार लगी हुई है। ड्रोन व सीसी टीवी कैमरे से पूरे मेला की निगरानी की जा रही है। प्रमुख मंदिरों व संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अधिसंख्य ने सरयू के जल से बाबा को अभिषिक्त किया तो ऐसे भी कम नहीं रहे जिन्होंने दूध, घृत अथवा शहद से इस विशेष पर्व पर बाबा का अभिषेक किया।
नगरी के आराध्य भगवान राम और उनके प्रिय दूत हनुमंत लला के दरबार बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी, वैष्णव परंपरा की आस्था के केंद्र में रहने वाला कनक भवन, श्रीरामजन्मभूमि आदि मंदिर पर सुबह से दर्शनार्थियों की लंबी कतार लगी हुई है। ड्रोन व सीसी टीवी कैमरे से पूरे मेला की निगरानी की जा रही है। प्रमुख मंदिरों व संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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