लखनऊ : लोकसभा में पेश किए गए संशोधन विधेयक पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उन्हें लिखकर देना चाहिए कि वक्फ की जमीनें नहीं बेची जाएंगी।
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि ‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नजूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है।
वक़्फ़ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी'
वक़्फ़ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी'
इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी।
भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘जमीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।
जबरदस्ती की दखलंदाजी न करे केंद्र सरकार
मायावती ने कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा और वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलंदाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।
मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व सांप्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय है।
उन्होंने कहा कि आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आई हैं उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित रहेगा। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।
भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘जमीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।
जबरदस्ती की दखलंदाजी न करे केंद्र सरकार
मायावती ने कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा और वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलंदाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।
मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व सांप्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय है।
उन्होंने कहा कि आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आई हैं उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित रहेगा। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।
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