"पेटा क्रूरता मुक्त ईंद का समर्थन करता है।"
अब प्रश्न उठता है कि क्रूरता भरा कौनसा त्यौहार हैईंद और बकरीद दो त्योहार हैं,एक ही मजहब के लोग दोनों त्योहार मनाते हैं।
"पेटा सेवई वाले ईंद का तो समर्थन करता है"
लेकिन यह लिखने का साहस नहीं कर सका कि हम बकरीद का बहिष्कार करते है।
अब वक़्त आ गया है जब सब एक साथ खड़े होकर आत्मंथन करें,भारत की पवित्र भूमि पर बकरीद को लेकर कब तक लाल होती रहेगी पशु प्रेमी मेनका गांधी कहाँ हैं आप?
पूछता है सर्व शक्ति सेना?
मेनका गांधी जी बकरीद के समय में सो जाती हैं क्या उन्हें बकरों के दर्द का एहसास नहीं होता वैसे तो वह आवारा कुत्तों को चोट लगने पर भी बवाल मचा देती हैं!
बकरीद पर सर्व शक्ति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सेठी जी की एक अपील,
केवल प्रथा के नाम पर निर्दोष जीव को मारने का पर्व मनाना धर्म और समाज दोनों पर कलंक है।
कुर्बानी के नाम पर निर्दोष जीवों की हत्या नही होनी चाहिए।
त्योहार होना चाहिए मानवता का!
पशु हत्या के पागलपन का नही!
जीवों पर दया करो !
सर्व शक्ति सेना जिन्दबाद
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