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कमलनाथ के शपथग्रहण पर संकट, सिंधिया के विधायक समर्थकों ने सिंधिया के दिल्ली निवास पर किया हंगामा


गजेन्द्र वर्मा
कमलनाथ के शपथग्रहण पर संकट

दिल्ली|  कमलनाथ के शपथ ग्रहण करने से पहले ही कांग्रेस में बवाल मच गया है। खबर है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों ने सिंधिया के दिल्ली स्थित निवास पर पहुंचकर हंगामा कर दिया है ।उनका कहना है कि सिंधिया या तो प्रदेश अध्यक्ष बने या सीएम, वरना वे कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन नहीं देंगे।
मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर ,शिवपुरी ,दतिया और भिंड से पहुंचे एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेस विधायक सिंधिया के सामने फूट-फूटकर रोए हैं और सिंधिया से सीएम या प्रदेश अध्यक्ष बनने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के सिंधिया समर्थक विधायकों की इस मांगने कांग्रेस के अंदर एक बार फिर तूफान खड़ा कर दिया है और कांग्रेस आलाकमान इसका क्या समाधान निकालेगा यह देखने वाली बात है।
बता दें कि नई सरकार की गठन की तैयारी जोरो पर चल रही है| कमलनाथ 17 दिसम्बर को सीएम पद की शपथ लेंगे| राजधानी के जंबूरी मैदान में भव्य समारोह होगा, इसमें प्रदेशभर से बड़ी तादाद में लोगों के आने की संभावना है। समारोह का आमंत्रण देने के लिए सरकारी प्रेस में दो हजार से ज्यादा कार्ड छपेंगे।  कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी| कमलनाथ स्वयं विशिष्ट अतिथियों को आने का न्यौता दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनकी बात पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्री से हो चुकी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी संपर्क किया जा रहा है। पार्टी इस कार्यक्रम के जरिए कार्यकर्ताओं को बदलाव का संदेश देना चाहती है। 15 साल बाद सत्ता में हो रही वापसी के मद्देनजर शासन को उम्मीद है कि बड़ी संख्या में सोमवार को कार्यकर्ता भोपाल आएंगे। वहीं सिंधिया समर्थकों की नाराजगी को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है| 
इससे पहले जब मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होनी थी उससे पहले भी भोपाल में सिंधिया समर्थकों ने उनके पोस्टर लेकर जमकर हंगामा किया था, लेकिन दिल्ली में हुई बैठक के बाद कमलनाथ का नाम तय हुआ| इसके बाद माहौल शांत हो गया| लेकिन सिंधिया समर्थकों को अंदर ही अंदर यह बात दुःख पहुंचा रही है| क्यूंकि पूरे चुनाव में सिंधिया एक चेहरा रहे हैं और युवा वर्ग भी उनके साथ चला| अब देखना होगा पार्टी इस स्तिथि से कैसे निपटती है| वहीं माना यह भी जा रहा है उनकी पिता माधवराव सिंधिया के साथ जो राननीति लाइ गई थी वही ज्योतिरादित्य के साथ भी हुआ है| हालाँकि सिंधिया कह चुके हैं कि वह पद के लालची नहीं है| 

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